सीबीएसई ने छात्राओं को गुमराह होने से बचाने को उठाया कदम
गोरखपुर, 14 जून (हि.स.)। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई ) ने ऑनलाइन क्लास के दौरान अश्लील साहित्य, साइबर अटैक, छात्राओं को गुमराह होने के तरीको से बचाने के लिए कदम उठाये हैं।
ऑनलाइन क्लास सुरक्षित रखने और छात्राओं को साइबर हमले से बचाने के लिए सीबीएसई द्वारा जारी हैण्डबुक में बचाव के रास्तों को बताया गया है। कोरोना महामारी के दौरान शुरू हुई ऑनलाइन पढ़ाई के अच्छे-बुरे नतीजों के बावत यह कदम उठाया गया है।
स्कूल एसोसिएशन ऑफ गोरखपुर के अध्यक्ष अजय शाही के मुताबिक बोर्ड ने जो हैंडबुक तैयार की है इससे छात्राओं को सुरक्षित ऑनलाइन पढ़ाई में मदद मिलेगी। किसी भी गलत हरकत की शिकायत करने के बावत छात्राओं की हिचकिचाहट दूर हुई है। अब वे गलत कमेंट या गलत विषय वस्तु दिखने पर तत्काल शिकायत कर सकतीं हैं। सुझाव देते हुए कहा कि स्कूलों को भी चाहिए कि प्ले स्टोर से एप डाउनलोड कर ऑनलाइन क्लास कराने के बजाय सर्वर खरीद कर क्लास करवायें। यह और भी सुरक्षित होगा।
कुछ ऐसा है जारी हैंडबुक
सीबीएसई द्वारा जारी हैंडबुक की जानकारी सभी छात्राओं तक पंहुचाने के लिए बोर्ड ने स्कूलों को निर्देश भेज दिये हैं। ऑनलाइन क्लास में वर्चुअल यौन शोषण की शिकायत करने के लिए भी बोर्ड द्वारा छात्राओं को प्रेरित किया गया है। बोर्ड ने मुख्य रूप से कक्षा 09 से 12 तक की छात्राओं के लिए जानकारी, सावधानी, क्या करें, क्या न करें जैसी बातों के साथ 98 पेज की हैंडबुक जारी कर दी है। छात्राओं को ऑनलाइन क्लास के दौरान शिक्षा से इतर विषय वस्तु अपलोड करने पर शिकायत को प्रेरित किया गया है। अश्लील साहित्य या अश्लील कमेंट को नजरअंदाज न करने का सुझाव भी दिया गया है। यह शिकायत शिक्षक या किसी भी दोषी छात्र के खिलाफ भी दर्ज कराई जा सकती है। शिकायत सीधे स्कूल प्रबंधन से करने की सलाह है।
सोशल व गेंमिंग साइट पर सक्रिय रहने वाली छात्राओं को सलाह
सीबीएसई की हैंडबुक में छात्राओं को डिजीटल शिक्षा के अधिकारों को तो बताया ही गया है, ऑनलाइन प्लेटफार्म का प्रयोग कर सोशल साइट, गेंमिंग साइट पर सक्रिय रहने वाली छात्राओं को सलाह दी गई है। जारी हैंडबुक के निर्देशों के मुताबिक साइट की विषय वस्तु अगर छात्राओं की उम्र के अनुसार नहीं है तो उसे रिपोर्ट कर दें। इसके साथ ही सोशल साइट के इस्तेमाल के दौरान अगर कोई अनजान शख्स आपको रिक्वेस्ट भेजता है तो उसे स्वीकार न करें। किसी एप के प्रयोग के दौरान छात्राएं उम्र प्रतिबंध सीमा का ख्याल रखें और ऐसे ही गेम खेले जो आपकी उम्र के अनुसार हो।