नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (हि.स.)। त्योहारी सीजन में प्याज राजधानी दिल्ली में 70-80 रुपये किलो बिक रहा है। देश के अन्य हिस्सों में प्याज की कीमत 100 रुपये किलो के पार चली गयी है। इस बीच केंद्र सरकार ने प्याज बढ़ती कीमत पर नियंत्रण करने के लिए स्टॉक लिमिट तय करने के साथ ही राज्यों को सरकारी गोदाम से प्याज उठाने को कहा है। हालांकि, इसका असर अभी खुदरा बाजार में नहीं दिख रहा है। आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव सोमवार को 65 रुपये किलोग्राम रहा।
एशिया के सबसे बड़ी सब्जी मंडी के आढ़ती एच. एस. भल्ला ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि पिछले तीन दिनों से प्याज का थोक भाव 45 रुपये से लेकर 65 रुपये प्रति किलोग्राम रहा है। उन्होंने कहा कि प्याज की आवक में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन ये मांग के हिसाब से नाकाफी नहीं है। उन्होंने कहा कि बाजार में नई फसल के आने पर ही प्याज की कीमत में कमी आएगी। भल्ला ने कहा कि बेमौसम बारिश से प्याज की फसल खराब होने जाने की वजह से कीमत में ये तेजी आई है।
बाजार में उतारा गया 43 हजार टन प्याज
इस बीच राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नाफेड) के एमडी एसके चड्ढा ने हाल ही में कहा था कि नाफेड 43 हजार टन प्याज बाजार में अभी तक उतार चुका है। उन्होंने कहा कि नवंबर के पहले हफ्ते तक करीब 22 हजार टन प्याज और बाजार में उतारेगा। लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि उसके बाद नाफेड का स्टॉक लगभग खत्म हो जाएगा, क्योंकि 25 हजार टन प्याज नमी की कमी के कारण खराब हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि पिछले साल नाफेड ने 57 हजार टन का बफर स्टॉक तैयार किया था, जिसमें से करीब 30 हजार टन प्याज खराब हो गया था। उस मुकाबले इस साल हालात बेहतर है। इस साल एक लाख टन प्याज का स्टॉक तैयार किया गया, जिसमें करीब 25 हजार टन ही प्याज बर्बाद होगा।
बेमौसम बारिश से 50 फीसदी फसल खराब
दरअसल इस समय कर्नाटक, आंध्र, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से खरीफ प्याज की उपज बाजार में आती है। लेकिन, बेमौसम बारिश से प्याज की 50 फीसदी फसल इन राज्यों में खराब हो गई है। इसके साथ ही बारिश ने महाराष्ट्र और नासिक में प्याज के पुराने स्टाक की क्वालिटी पर भी असर डाला है। हालांकि, प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने और जमाखोरी रोकने के लिए सरकार ने थोक विक्रेताओं के लिए प्याज की स्टॉक लिमिट को 25 मीट्रिक टन और खुदरा व्यापारियों के लिए 2 मीट्रिक टन निर्धारित किया है। कीमत पर कंट्रोल के लिए 14 सितम्बर को ही इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी। सरकार ने सप्लाई में कमी पूरा करने के लिए प्याज के आयात का फैसला किया है। प्याज का आयात 15 दिसम्बर तक चालू रहेगा।