नई दिल्ली, 28 जून (हि.स.)। मोदी सरकार के मंत्री भी एक्शन में दिख रहे हैं। सरकार अब उपभोक्ताओं को सहूलियत देने के लिए ‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’ योजना शुरू करने जा रही है। दरअसल राशन कार्ड को आधार नम्बर से जोड़ने से इस सिस्टम में हो रही चोरी और धांधली को रोकने में बहुत हद तक सफलता मिली है।
‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’ योजना से उपभोक्ता का फायदा
सरकार की प्रस्तावित ‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’ योजना से उपभोक्ता किसी दूसरे राज्य के किसी भी राशन की दुकान से रियायती दरों पर अनाज उठा सकता है। इस सुविधा से रोजी-रोटी और नौकरियों के लिए शहरों की ओर पलायन करने वाले उपभोक्ताओं को बहुत फायदा मिल सकेगा।
राशन दुकानदारों की मनमानी और चोरी रोकने में मदद
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्त मंत्रालय ने देश के सभी खाद्य सचिवों की एक बैठक गुरुवार को दिल्ली में बुलाई थी। इस बैठक में केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार उपभोक्ताओं के हितों के लिए हर संभव कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना को लाने से उपभोक्ताओं को किसी एक दुकान से बांध कर नहीं रखा जा सकता है। इसके साथ ही राशन दुकानदारों की मनमानी और चोरी को रोकने करने में भी मदद मिलेगी।
आईएमपीडीएस योजना कुछ राज्यों में पहले से है लागू
रामविलास पासवान ने कहा कि देश के कुछ राज्यों आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में यह कार्यक्रम इंटीग्रेटड मैनेजमेंट आफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (आईएमपीडीएस) के नाम से जाना जाता है। यह योजना सफलतापूर्वक चल रही है। इस व्यवस्था के तहत राज्य के भीतर किसी भी जिले से उपभोक्ता अपने हिस्से का राशन किसी भी राशन की दुकान से प्राप्त कर सकता है। खाद्य सचिवों को यह व्यवस्था बहुत अच्छी लगी, जिसे सभी अपने राज्य में लागू करने को तैयार हैं।