कृषि के आधारभूत ढांचा के लिए मिला एक लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज
नई दिल्ली, 15 मई (हि.स.)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आर्थिक पैकेज के तीसरी किश्त में कृषिआधारभूत ढ़ांचा के लिए एक लाख करोड़ रुपये के पैकेज का शुक्रवार को ऐलान किया। प्रधानमंत्री के ‘लोकल के लिए वोकल’ पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान किया है जिसके अंतर्गत बिहार का मखाना, आंध्रप्रदेश की मिर्च, कश्मीर की केसर के लिए कलस्टर बनाने का ऐलान करते हुए इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये का फंड दिया गया है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस में आर्थिक पैकेज की तीसरी किश्त में कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए 11 घोषणाओं के ऐलान की बात कही, जिसमें 8 घोषणाएं बुनियादी ढांचे से जुड़ी हैं, जबकि तीन घोषणाएं प्रशासनिक मुद्दों से सम्बंधित हैं। सीतारमण ने कहा कि इन घोषणाओं को लागू कराना सरकार सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि किसान लॉकडाउन के दौरान काम करते रहें। सीतारमण ने कृषि और उससे जुड़े सेक्टर के लिए कई अहम ऐलान किए। इसके तहत कृषि इंफ्रा के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का भी ऐलान किया है, जिसके तहत कोल्ड चेन, वैल्यू चेन विकसित करने में मदद मिलेगी। इसका लाभ किसान उतपादन संघ, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप आदि को फार्मगेट पर मिल सकेगा।
आर्थिक पैकेज की तीसरी किश्त की अहम बातें
– सीतारामण ने बताया कि टॉप टू टोटल योजना में 500 करोड़ रुपये केंद्र सरकार डालेगी। इस योजना में टमाटर, प्याज और आलू के साथ ही अन्य सब्जियों और फलों को भी जोड़ा जाएगा। इसे अभी 6 महीने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में लाया जाएगा। इससे नष्ट हो जाने वाली फसलों को कम कीमत पर बेचने के घाटे से किसान बचेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना में 50 फीसदी सब्सिडी ट्रांसपोर्टेशन और 50 फीसदी सब्सिडी भंडारण पर दी जाएगी। इससे किसान फसलों को अच्छे दाम पर बाद में बेच सकेगा।
– वित्त मंत्री ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में में संशोधन करने का ऐलान करते हुए कहा कि किसानों को फसल का बेहतर दाम दिलाना लक्ष्य है। सीतारमण ने बताया कि अनाज खाद्य तेल, तिलहन, दाल, प्याज और आलू जैसे कृषि उत्पादों को हम डिरेगुलेट करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करेंगे। अधिनियम में संशोधन के बाद इन वस्तुओं के लिए कोई स्टॉक लिमिट तय नहीं होगी। केवल असाधारण परिस्थितियों में ही इन्हें रेगुलेट किया जाएगा।
– वित्त मंत्री ने बताया कि हर्बल कल्टीवेशन के प्रमोशन के लिए 4 हजार करोड़ रुपये की योजना लाई जाएगी। इससे 25 लाख एकड़ भूमि में खेती होगी। इस योजना से 5000 करोड़ रुपये की आय किसानों की बढ़ेगी। इसका गंगा किनारे प्लांटेशन होगा।
– सीतारमण ने मधुमक्खी पालन के लिए 5,00 करोड़ रुपये का फंड का ऐलान किया। इससे ग्रामीण इलाकों के 2 लाख मधुमक्खी पालकों को फायदा मिलेगा। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर शहद भी मिलेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्र में मधुमक्खी पालन आय का एक अतिरिक्त स्रोत बन सकता है।
– वित्त मंत्री ने 15,000 करोड़ रुपये के पशुपालन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड की घोषणा की। इस फंड का इस्तेमाल पशुपालन से जुड़े बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाएगा। सीतारामण ने इसकी घोषणा से पूर्व कहा कि दूध के अधिक उत्पादन वाले देश के विभिन्न इलाकों में डेयरी क्षेत्र में निजी निवेश की काफी अधिक संभावनाएं हैं।
– वित्त मंत्री ने कहा कि 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण की योजना केंद्र सरकार लाएगी। यह 13343 करोड़ रुपये की होगी। इस योजना में जानवरों को मुंह पका और खुरपका रोग मुक्त करेंगे। इससे हमारे प्रोडक्ट्स की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग बढ़ेगी और दूध का उत्पादन बढ़ेगा।
– प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछुआरों के लिए 20,000 करोड़ रुपये का फंड दिया जायेगा। सरकार समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के समावेशी विकास के लिए पीएमएमएसवाई की शुरुआत करेगी।
– समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर से जुड़ी हुई गतिविधियों के लिए 11,000 करोड़ रुपये का फंड का ऐलान किया। इसके आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 9,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा। इससे अगले पांच साल में 70 लाख टन अतिरिक्त मछली का उत्पादन होगा।
– सीतारमण ने कलस्टर एप्रोच के संदर्भ में बिहार के मखाने, जम्मू-कश्मीर के केसर आंध्र प्रदेश के मिर्च का भी जिक्र किया। 2 लाख माइक्रो फूड इंटरप्राइजेज के फायदे के लिए 10,000 करोड़ रुपये की विशेष योजना का ऐलान किया। इस योजना का लक्ष्य स्थानीय कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने का है।
– कृषि आधारभूत ढांचा लाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड। इससे भंडारण क्षमता एवं मूल्य संवर्धन में मदद मिलेगी। इससे आने वाले समय में निर्यात में मदद मिलेगी। इसका लाभ कृषि सहकारी सोसायटी, कृषि उत्पादक संगठनों को होगा।
– पिछले दो महीने में पीएम किसान के जरिए 18,700 करोड़ रुपये का फंड ट्रांसफर सीधे किसानों को खातों में किया गया है। इसी तरह पीएम फसल बीमा योजना के तहत 6,400 करोड़ रुपये मूल्य के क्लेम रिलीज किए गए।
– पिछले दो माह में किसानों की मदद के लिए कुछ अतिरिक्त उपाय किए गए हैं। लॉकडाउन के दौरान न्यूतनम समर्थन मूल्य के जरिए 74,300 करोड़ रुपये का अनाज सरकार ने खरीदा।
– वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दूध की मांग में 20 से 25 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। इस दौरान को-ऑपरेटिव्स ने 560 लाख लीटर प्रतिदिन दूध की खरीद की जबकि आम तौर पर यह आंकड़ा 360 लाख लीटर प्रतिदिन का होता है। इस तरह 111 करोड़ लीटर अतिरिक्त दूध की खरीदारी की गई है और इसके लिए 4100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।