26 सितंबर: इतिहास के पन्नों में
हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गयाः देव आनंद अथवा ‘देवानंद’ यूं ही सदाबहार नहीं कहे गए। खुद श्वेत-श्याम से शुरू कर रंगीन चित्रपट की दुनिया तक सफर करने वाले देव आनंद ने अपने चाहने वालों को सिर्फ रंगीनियां ही दिखाईं। वैसे तो उनकी करीब हर फिल्म और उन पर फिल्माया हर गाना हिट रहा, पर उनके व्यक्तित्व को “हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया” पूरी तरह चरितार्थ करता है। देव साहब ने अपने निजी संघर्षों को भरसक सार्वजनिक नहीं होने दिया। शुरुआती संघर्ष हो अथवा सुरैया से शादी नहीं कर पाने का गम, यह बहुत बाद में ही लोगों को पता चल पाया। उनका अपना ढंग तो ऐसा था कि वे स्टाइल नहीं अपनाते थे, स्टाइल उनके पीछे चलती रही। दादा और नाना जैसे रोल करने के बजाय आखिरी वक्त तक उन्होंने लीड रोल में रहना ही पसंद किया। उनकी अंतिम फिल्म 88 साल की उम्र में ‘चार्जसीट’ नाम से आई। रूमानियत के इस नायक की कहानी बहुत लंबी है। संक्षेप में वे कलकल बहती नदी की तरह थे, जहां कोई मोड़ भी नहीं था। क्या खूबी कि तीन-चार दिसंबर, 2011 की रात जब लंदन में उनकी मृत्यु हुई, तब भी कहा गया कि वह अपने चाहने वालों को अपना मृत शरीर दिखाना नहीं चाहते थे। इसीलिए आखिरी दिनों में अपनी धरती से बहुत दूर चले गये। हालांकि सच तो यह है कि ‘पद्मभूषण’ और ‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार’ प्राप्त देव साहब आज भी लोगों के दिल के बहुत करीब बसते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण घटनाएंः
1733- फ्रांस, स्पेन और सार्डीनिया का जर्मन-विरोधी करार पर हस्ताक्षर।
1772- न्यूजर्सी में एक विधेयक के जरिए डाक्टर्स के लिए लाइसेंस अनिवार्य हुआ।
1820- प्रसिद्ध समाज सुधारक, शिक्षाविद् एवं स्वतंत्रता सेनानी ईश्वरचन्द्र विद्यासागर का जन्म ।
1872- न्यूयॉर्क सिटी में पहले मंदिर की स्थापना।
1874- पहला ग्रैंड इंटरनेशनल राइफल मैच आयोजित।
1932- देश के 13वें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म।
1959- जापान में शक्तिशाली तूफान ‘वेरा’ से चार हजार, 580 लोगों की मौत और 16 लाख लोग बेघर।
1989- प्रख्यात पार्श्व गायक हेमंत कुमार का निधन।
2013- सीरिया में रासायनिक हथियार खत्म करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव बनाने पर अमेरिका और रूस के बीच समझौता।