24 सितंबर: इतिहास के पन्नों में
‘आगे बढ़ो, हम हिन्दुस्तानी हैं, हिन्दुस्तान हमारा है’- दासता की जंजीरों को तोड़ फेंकने के लिए सुप्रसिद्ध भारतीय महिला क्रांतिकारी भीखाजी कामा ने 1907 में जर्मनी के स्टटगार्ड में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सोशलिस्ट कांग्रेस में हिन्दुस्तानियों का आह्वान करते हुए तिरंगा ध्वज फहराया। स्वतंत्रता संग्राम में सक्रियता के कारण उन्हें वर्षों तक निर्वासित जीवन बिताना पड़ा।
भीकाजी रुस्तम कामा का जन्म 24 सितंबर 1861 को बंबई के पारसी परिवार में हुआ था। मैडम कामा ने भारत की स्वतंत्रता के लिए वैश्विक जनमत के निर्माण में उल्लेखनीय योगदान किया। इसके लिए उन्होंने लंदन, जर्मनी और अमेरिका की अलग-अलग समय पर यात्राएं कीं।उनके द्वारा पेरिस से प्रकाशित ‘वंदेमातरम्’ अखबार प्रवासी भारतीयों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। लंदन में कुछ वर्षों तक वे दादाभाई नौरोजी की प्राइवेट सेक्रेटरी भी रहीं।
धनी परिवार में पैदा होने के बाद भी उन्होंने घनघोर कठिनाइयों और संघर्ष का रास्ता चुनते हुए भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कूदने का साहसिक निर्णय किया। उन्होंने कहा था- ‘भारत में ब्रिटिश शासन का जारी रहना मानवता के लिए कलंक है। इससे एक महान देश भारत के हितों को भारी क्षति पहुंच रही है।’ 13 अगस्त 1936 को उनका निधन हो गया।
अन्य अहम घटनाएं:
1856: हिन्दी खड़ी बोली और भारतेंदु युग के उन्नायक प्रताप नारायण मिश्र का जन्म।
1948: होंडा मोटर कंपनी की स्थापना।
1940: भारत की सुप्रसिद्ध महिला तैराक आरती साहा का जन्म।
1950: भारतीय क्रिकेटर मोहिन्दर अमरनाथ का जन्म।
1971: भारत के पहले विश्व प्रसिद्ध तीरंदाज लिम्बा राम का जन्म।
1996: व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर शुरू, अमेरिका इस संधि पर हस्ताक्षर करने वाला पहला देश बना।
2007: म्यांमार की सैन्य सरकार के खिलाफ राजधानी यांगून में एक लाख से ज्यादा लोग सड़कों पर उतरे।
2009: देश के पहले चंद्रयान-1 ने चांद की सतह पर पानी की खोज की।