24 अक्टूबर इतिहास के पन्नों में
शांति की तलाश का प्रयासः इतिहास यह कई बार सिद्ध कर चुका है कि दुनिया के देशों के बीच विवाद समाप्ति के लिए अंतराष्ट्रीय संगठन भी कारगर नहीं हो पाए हैं। इसीलिए संयुक्त राष्ट्र संघ के आलोचकों ने उसे ‘बतकही का अड्डा भर’ करार दिया। फिर भी यह सत्य बार-बार उभरकर सामने आता है कि युद्ध में ‘लोगों के सिर कलम करने से बेहतर है कि कुछ लोग मिल बैठकर आपस में सिर खपाएं।’ संयुक्त राष्ट्र के दूसरे महासचिव डेग हैमरसोल्ड ने इसीलिए कहा था, “संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन मानवता को स्वर्ग पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि उसे नरक से बचाने के लिए हुआ है।” पीछे घूम कर देखें तो पाते हैं कि इसी भावना के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया तिलमिला उठी। विनाश की जगह विकास को बढ़ावा देने का विचार तीव्र हुआ और बहुत से देशों ने शांति और सद्भावना कायम करने के लिए एक संगठन की स्थापना पर जोर दिया। इसी के परिणामस्वरूप जो घोषणापत्र बना, उसे 24 अक्टूबर, 1945 को लागू किया गया। दरअसल, यही दिन संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस माना जाता है। आज भी इस संगठन की प्रासंगिकता ही है कि तमाम उतार-चढ़ाव के बीच इसमें दुनिया के देशों की भागीदारी लगातार बढ़ी है।
अन्य प्रमुख घटनाएंः
1605 : अकबर के निधन के बाद शहजादे सलीम( जहांगीर) की ताजपोशी।
1775 : बहादुर शाह जफर का जन्म। शायर बहादुर शाह जफर अंतिम मुगल बादशाह थे।
1851 : कलकत्ता (अब कोलकाता) और डायमंड हार्बर के बीच पहली आधिकारिक टेलीग्राफ लाइन शुरू।
1914 : महान स्वतंत्रता सेनानी लक्ष्मी सहगल का जन्म।
1921 : विदेशी शासन के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन का साल।
1921 : देश के चर्चित और सम्मानित कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण का जन्म।
1984 : भारत की पहली मेट्रो रेल सेवा की कलकत्ता (कोलकाता) में शुरूआत।
1997 : केरल में शिक्षण संस्थाओं में रैगिंग पर रोक।
2003 : ब्रिटेन ने सुपरसोनिक यात्री विमानों को विदाई दी। ऐसे अंतिम विमान की हीथ्रो हवाई अड्डे से उड़ान।
2004 – ब्राजील का अंतरिक्ष में पहला सफल राकेट परीक्षण।
2005 – न्यूजीलैंड और भारत नया हवाई सेवा समझौता करने पर सहमत।