ऑनलाइन कर्ज देने वाले प्लेटफार्म्स मामले में केंद्र और आरबीआई को नोटिस
नई दिल्ली, 15 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने कर्ज देने वाले ऑनलाइन प्लेटफार्म्स पर नियंत्रण करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक को नोटिस जारी किया है।चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 19 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिका धरिंधर करीमोजी ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि रिजर्व बैंक ने 23 दिसंबर, 2020 को सर्कुलर जारी कर आम लोगों को अनधिकृत डिजिटल प्लेटफार्म से लेनदेन करने में सावधानी बरतने की सलाह दी थी। याचिका में मांग की गई है कि लोन देने के लिए चलने वाले मोबाइल ऐप और दूसरे प्लेटफार्म पर नियंत्रण किया जाए। लोन देने वाले ऐसे ऐप लोगों से काफी ज्यादा ब्याज लेते हैं।
याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार हर राज्य में ऐसे ऐप से लोन लेने वाले लोगों की शिकायत का निवारण करने के लिए मेकानिज्म बनाने का दिशा-निर्देश जारी करे। याचिका में कहा गया है कि तुरंत लोन देने वाले ऐसे तीन सौ ऐप हैं। ये ऐप डेढ़ हजार रुपये से तीस हजार रुपये तक का लोन एक से दो हफ्ते के लिए देते हैं। ये ऐप कर्ज लेने वालों से कर्ज की रकम का 35 से 45 फीसदी सर्विस चार्ज या प्रोसेसिंग फीस के नाम पर वसूलते हैं और वो रकम काटकर ही कर्ज लेने वालों के खाते में पैसे ट्रांसफर करते हैं।