लखनऊ, 28 जून (हि.स.)। जहां कोई नहीं पहुंचता, वहां अब डाकिया पहुंच रहा है। अब डाकिया चलता-फिरता एटीएम बन गया है। ‘इंडिया पोस्ट पेमेंटस बैंक’ के माध्यम से हर किसी के लिए घर से लेकर खेतों तक सहजता से डिजिटल बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम द्वारा अन्य बैंकों में प्राप्त राशि का भी माइक्रो एटीएम द्वारा भुगतान किया जा रहा है।
लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक (डाक सेवाएं) कृष्ण कुमार यादव ने रविवार को बताया कि 29 जून को महाअभियान चलाकर अधिक से अधिक लोगों के आईपीपीबी खाते खोलकर उन्हें इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक से जोड़ा जायेगा। मात्र आधार व मोबाइल नम्बर के आधार पर डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए ये पेपरलेस खाते खोले जाएंगे। इस अभियान में भी प्रवासी मजदूरों का खास ध्यान रखा जायेगा, जिससे वे सरकार से प्राप्त होने वाली सहायता राशि बिना कहीं बाहर गए घर पर ही प्राप्त कर सकें। उन्होंने बताया कि लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र में अब तक 4 लाख 71 हजार से अधिक लोग इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के साथ जुड़ चुके हैं और घर बैठे इसकी सेवाओं का लाभ ले रहे हैं।
डाक निदेशक यादव ने बताया कि 27 जून को लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के अधीन सभी 6 जनपदों लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, सीतापुर, अयोध्या और अम्बेडकरनगर में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की आधार इनेबल्ड पेमेंट्स सिस्टम के अंतर्गत भुगतान के लिए महाअभियान चलाया गया। इसमें एक दिन में 30 हज़ार से अधिक लोगों ने इस सेवा का लाभ लिया और 3 करोड़ 36 लाख से अधिक की राशि अपने बैंक खातों से निकाली। ग्रामीण डाक सेवकों और डाकियों ने लोगों के घर-घर, खेतों-खलिहानों में और श्रमिकों को उनके कार्यस्थल पर जाकर उन्हें उनके बैंक खाते से धनराशि निकाल कर उपलब्ध कराई।
डाक निदेशक ने बताया कि 27 जून के महाभियान में बाराबंकी मंडल ने सर्वाधिक 10,129 लोगों को एईपीएस सेवा के माध्यम से भुगतान किया। सीतापुर मंडल ने सर्वाधिक 1 करोड़ 5 लाख रुपये एईपीएस के माध्यम से वितरित किये। लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र की 6 में से 4 शाखाएं बाराबंकी, रायबरेली, सीतापुर व लखनऊ उत्तर प्रदेश में टॉप 10 में अपना स्थान बनाने में सफल रही।