कोरोना वैक्सीन आने पर ओलम्पिक खिलाड़ी और स्टाफ को मिलेगी प्राथमिकता: रिजिजू
नई दिल्ली, 31 दिसम्बर (हि.स.)। ओलम्पिक में लेने वाले खिलाड़ियों के लिए लगातार अच्छी खबर सामने आ रही है। अब कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को कहा कि कोरोना की वैक्सीन आने पर ओलम्पिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों और स्टाफ को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले साल 13 जुलाई से आठ अगस्त के बीच आयोजित होने वाले टोक्यो ओलम्पिक के लिए भारत इस बार सबसे बड़ा दल भेजने की तैयारी कर रहा है।
खेलमंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीन वितरण को लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता और फ्रंटलाइन कोरोना वायरस योद्धा स्वाभाविक रूप से प्राथमिकता में हैं। लेकिन खेल के क्षेत्र में ओलम्पिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों और स्टाफ तथा अन्य प्रमुख विश्व चैंपियनशिप की तैयारी करने वाले एथलीटों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बहुत स्पष्ट रोड मैप दिया है और स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 वैक्सीन और उसके वितरण के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है।
खेल मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण वर्ष 2020 सभी के लिए खासा चुनौतीपूर्ण रहा है। हालांकि अच्छी बात यह रही कि मैदान पर जाने की मनाही के बीच भी खिलाड़ियों ने खुद को फिट रखा। यह खेल की दृष्टि से सकारात्मक भावना का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि जरूरी है कि भविष्य की योजना बनाकर कौशल सुधार पर कार्य करने ही बेहतर है।
रिजिजू ने कहा कि वर्ष 2020 सभी के लिए विशेष रूप से खेल के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है क्योंकि यह खेल सभी संसाधनों को नुकसान पहुंचा रहा था। उन्होंने कहा कि उम्मीद के तौर पर बस खिलाड़ियों के पास साल के अंत में ही अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेने का मौका था, बाकि समय तो कोरोना की वजह से बर्बाद हो गया। हमें अब बीती बातें भूलकर आगे का ध्यान रखना होगा। ऐसे में योजना बनाना कर हर मौके और समय का उचित उपयोग करना होगा, जिससे कौशल का विकास हो। उन्होंने कहा कि ओलंपिक के लिए कई बाधाएं होंगी और महामारी के बीच इवेंट जीतना आसान नहीं होगा। ऐसे में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच जरूरी है कि तैयारी जरूरत-आधारित हो।
भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर के बुनियादी ढांचे को शुरू करने को लेकर एक सवाल के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में सभी सुविधाएं एथलीटों को उपलब्ध कराई गई हैं। पंजीकृत क्लबों या मान्यता प्राप्त कोचों को खेल सुविधाओं का नि:शुल्क उपयोग करने की अनुमति भी दी गई है। उन्होंने कहा कि ‘हम राज्य सरकारों को निजी क्षेत्र के साथ और अधिक सक्रिय कदम उठाते हुए देखना चाहेंगे। इसके लिए जरूरी है कि सरकार को हर किसी से मदद मिले।’
भारतीय एथलीटों पर विश्वास जताते हुए खेल मंत्री ने कहा कि वे 2028 के ओलंपिक में शीर्ष दस में स्थान बना लेंगे। उन्होंने कहा कि युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा “महत्वपूर्ण” होगी, इसलिए उनका पोषण करने से देश को बड़े आयोजन में अच्छे परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलेगी। रिजिजू ने कहा कि खेल के विषयों को प्राथमिकता देते हुए एक लक्ष्य निर्धारित कर उसके अनुसार कदम उठाना होगा। इसी के तहत राष्ट्रीय स्तर पर एक तकनीकी योजना शुरू की गई है। इसमें कम उम्र में प्रतिभाओं की पहचान और स्काउटिंग ठीक से होना सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर उपसमिति का गठन किया गया है।