नई दिल्ली, 10 मार्च (हि.स.)। केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को ओडिशा के सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान में लगी आग को नियंत्रित करने में मदद के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित की है। विशेषज्ञों का यह तीन सदस्यीय दल जल्द ही ओडिशा के लिए रवाना होगा। इस टीम में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के वन महानिरीक्षक डॉ. अमित मलिक, भुवनेश्वर कार्यालय से सुब्रत महापात्रा और वन संवर्धन (सिल्विकल्चर) की प्रमुख आरती चौधरी शामिल हैं।
वन, पर्यावरण और जलवायु मंत्रालय के अनुसार विशेषज्ञों की टीम राष्ट्रीय उद्यान में लगी आग से वन संपदा व जीव जंतु के नुकसान की समीक्षा करने के साथ आग को नियंत्रित करने के उपायों पर तकनीकी सलाह देगी। समिति आग की सही स्थिति का रोजाना समीक्षा भी करेगी। केन्द्र की यह टीम ओडिशा में सिमलीपाल में लगी आग को नियंत्रण के बाद ही वापस लौटेगी।
बता दें कि कि बुधवार को ही ओडिशा के वनों में आगजनी की घटनाओं के मद्देनजर केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने केन्द्रीय वन व पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की। वन मंत्री ने इस विषय पर उपयुक्त कदम उठाने का उन्हें भरोसा दिया था।
दस दिनों से लगी है आग
ओडिशा के सिमलीपाल जंगल में 10 दिनों से लगी आग से करीब 3 हजार तरह की वनस्पतियों पर खतरा मंडरा रहा है। सिमलीपाल वन 1060 वर्ग मीटर में फैला नेशनल पार्क है। साथ ही यह एक टाइगर रिजर्व भी है। यह पार्क खास तौर पर लाल सिल्क कॉटन पेड़ों के लिए मशहूर है। सिमलीपाल के जंगल में 94 प्रकार के ऑर्किड हैं। पार्क में 264 प्रकार के पक्षी और 42 प्रकार के स्तनधारी जीव भी मौजूद हैं।