नई दिल्ली, 10 अगस्त (हि.स.)। देश में 100 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की सकल कुल आय बताने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या वित्त वर्ष 2020-21 में 136 थी। वित्त वर्ष 2019-20 में ऐसे लोगों की संख्या 141, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में 77 थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में मंगलवार को एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि विगत तीन आकलन वर्षों के दौरान आयकर विभाग में फाइल की गई आयकर विवरणी में 100 करोड़ रुपये (एक अरब रुपये) से अधिक की सकल कुल आय प्रकट करने वाले व्यक्तियों की संख्या वित्त वर्ष 2020-21 में 136 थी।
सीतारमण ने एक सवाल क्या यह सच है कि लॉकडाउन के दौरान देश में अरबपतियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। इसके जवाब में कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के पास उपलब्ध सूचना के मुताबिक प्रत्यक्ष करों (डायरेक्ट टैक्स) के तहत खरबपति शब्द की कोई विधायी अथवा प्रशासनिक परिभाषा नहीं है।
व्यक्तिगत करदाता की पूर्ण संपदा के बारे में कोई सूचना नहीं
वित्त मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि संपदा कर को अप्रैल, 2016 में समाप्त कर दिया गया है। इसलिए सीबीडीटी किसी व्यक्तिगत करदाता की पूर्ण संपदा के बारे में अब कोई सूचना नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि आधिकारिक गरीबी अनुमान, सांख्यिकीय और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा निष्पादित घरेलू उपभोक्ता व्यय पर किए गए सर्वेक्षणों पर आधारित हैं।