ज्ञान मानकों को रीसेट करने में मदद करेगी एनएसई इंडिया की पहल : पीयूष गोयल
नई दिल्ली, 06 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय रेल ,वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को यहां एनएसई इंडिया नॉलेज हब के लॉन्चिंग के मौके पर कहा कि एनएसई इंडिया की पहल हमें ज्ञान मानकों को रीसेट करने में मदद करेगी। उन्हें और अधिक समकालीन बनाएगी और एक जीवंत मंच पर लाएगी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दुनिया के शीर्ष संगठनों में से एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के विकास ने देश में हम सभी को गौरवान्वित किया है। यह वास्तव में अद्भुत है कि एनएसई इंडिया नॉलेज हब किसी व्यक्ति को अपनी योग्यता का आंकलन करने का मौका देगा और अपनी क्षमताओं के आधार पर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरण भविष्य में उसकी सफलता के लिए एक प्रोग्राम को विकसित कराने में मदद करेगा।
पीयूष गोयल ने कहा कि इस तरह के ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों के जरिये देश में निवेश का माहौल बनता है। एक ऐसा निवेश जो हमारे शिक्षार्थियों को सीधे उनके जीवन में बड़े आयोजक बनने के लिए जोड़ता है। जिससे पूरे देश के लिए बड़े पैमाने पर लाभ हो सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि वित्तीय दुनिया में संभावित क्षेत्रों के बारे में लोगों को शिक्षित करना, वित्तीय दुनिया में विभिन्न क्षेत्रों के बारे में और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को दक्ष बनाने के लिए सुपरइम्पोज़ करना, इसे हर किसी की ज़रूरतों के लिए सही मायने में एक शानदार अवधारणा है। हमारी सरकार अलग-अलग रूपों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को विकसित करने पर कार्य कर रही है, जो हमें अगले पांच वर्षों में पांच ट्रिलियन डॉलर के बेंचमार्क प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
गोयल ने कहा कि भारत के भविष्य के लिए एक कार्यबल तैयार करना, एक ऐसे भविष्य के लिए जहां हमें पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था को संभालना है और 10 से 20 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए आगे बढ़ना है। आज से उन्हें तैयार करना निश्चित रूप से नए साल की शुरुआत करने का एक शानदार आगाज होगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ सामाजिक भलाई के लिए, कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करने का यह एक शानदार अवसर है। इन दोनों क्षेत्रों में भारत में बड़ी संभावनाएं हैं।
उल्लेखनीय है कि एक्सेंचर रिपोर्ट ने कहा है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग में 2035 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान करने की क्षमता है।