नई दिल्ली, 07 सितम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने शनिवार को कहा कि खुफिया एजेंसियों ने 230 पाकिस्तानी आंतकियों की पहचान की है जो कश्मीर घाटी में हिंसा और अराजकता पैदा करने का मंसूबा बना रहे हैं। ये पाकिस्तानी आतंकी पाक अधिकृत कश्मीर से कश्मीर घाटी आकर सामान्य स्थिति कायम न हो, इसकी पूरी कोशिश कर रहे हैं। इनमें से कुछ आतंकियों को सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार भी किया है।
शनिवार को डोभाल ने जम्मू कश्मीर के हालात के बारे में बताया कि पाकिस्तान ने सीमावर्ती क्षेत्रों के 20 किलोमीटर तक अपने संचार टॉवर खड़े किए हैं, जिनसे आतंकियों को गोपनीय भाषा में अशांति पैदा करने के संदेश भेजे जा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने एक संदेश पकड़ा है जिसमें आतंकियों के सरगना उन्हें निर्देश दे रहा है कि जम्मू कश्मीर में सेब के ट्रकों की आवाजाही क्यों हो रही है। हैंडलर आतंकियों से पूछ रहा है कि क्या आपको और चूड़ियां भेजी जाएं। डोभाल के अनुसार, आतंकी हथियारों के लिए चूड़ी शब्द का उपयोग करते हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि जम्मू कश्मीर के हालात का जायजा लेने से यह जाहिर है कि राज्य की जनता अनुच्छेद 370 हटाने की हिमायत करती है। उन्होंने कहा कि राज्य के 92.5 प्रतिशत से अधिक भौगोलिक क्षेत्र में किसी तरह के प्रतिबंध नहीं हैं। राज्य के 199 पुलिस जिलों में से केवल 10 में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू हैं। कश्मीर घाटी, जम्मू और लद्दाख इन तीनों क्षेत्रों में लैंडलाइन सेवाएं चालू हो गई हैं।
जम्मू कश्मीर में सेना द्वारा मानवाधिकारों का उल्लंघन संबधी रिपोर्टों के बारे में डोभाल ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था कायम रखने का काम स्थानीय पुलिस और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल कर रहे हैं। सेना द्वारा ज्यादती करने का सवाल ही नहीं उठता। सेना केवल आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करती है।
डोभाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर की जनता को पाकिस्तान के कुचक्र का शिकार नहीं बनने दिया जाएगा। हम पूरी ताकत से अवाम की रक्षा करेंगे। उन्होंने राज्य में राजनीतिक नेताओं को बंदी बनाए जाने के संबंध में कहा कि यह कार्रवाई एहतियात के रूप में की गई है। कानून में इसका प्रावधान है। प्रशासन इस संबंध में अदालतों के प्रति जवाबदेह है और यदि उसकी ओर से कोई गैरकानूनी काम किया जाता है तो न्यायालय इसका संज्ञान लेगा।
डोभाल ने कहा कि राज्य में एक छोटा सा तबका है जो अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का विरोध कर रहा है। यह धारणा सही नहीं है कि यह तबका जम्मू कश्मीर के आम आदमी की आवाज है। जम्मू कश्मीर के सोपोर में सेब व्यापारी के परिवार पर हमले की जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सीमापार से आए निर्देश के तहत यह हमला किया गया। इस हमले में ढाई साल की एक बच्ची अस्मां जान भी घायल हुई, जिसकी हालत गंभीर है। डोभाल ने इस बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भेजने का प्रबंध किया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में अशांति पैदा करने के लिए उसके पास केवल आतंकवाद का ही हथियार है। पड़ोसी देश को यदि काबू में रखा जाए तो घाटी में शांति जल्दी बहाल हो जाएगी।
यह पूछे जाने पर कि यदि पाकिस्तान आतंवाद को बढ़ावा देने और दुष्प्रचार करने की हरकतें नहीं छोड़ता है तो भारत क्या करेगा। डोभाल ने कहा कि हर समस्या का समाधान है। उन्होंने पाक को छोड़कर अन्य दक्षिण एशियाई देशों को भी जम्मू कश्मीर के हालात से अवगत कराया।