विधायक शिलादित्य का दावा- ‘एक करोड़ अवैध बांग्लादेशियों का नाम एनआरसी में शामिल’

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देव ने कहा कि एनआरसी ने ऑल असम माइनारिटी स्टूडेंट यूनियन (आम्सू) और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के एजेंडे को पूरा किया है।



गुवाहाटी, 01 सितम्बर (हि.स.)। राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा के होजाई के विधायक शिलादित्य देव ने 31 अगस्त को प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि एक करोड़ अवैध बांग्लादेशियों के नाम अंतिम एनआरसी की सूची में शामिल किए गए हैं। देव ने कहा कि एनआरसी ने ऑल असम माइनारिटी स्टूडेंट यूनियन (आम्सू) और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के एजेंडे को पूरा किया है।

भाजपा नेता ने एनआरसी के प्रकाशन के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि सूची से सोच-समझकर हिंदुओं को बाहर निकालने के पीछे बहुत बड़ी साजिश थी। एनआरसी संयोजक प्रतीक हाजेला पूरे एनआरसी अद्यतन प्रक्रिया के दौरान भय में थे। ऐसा करने के अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचा था। देव ने कहा है कि यह एनआरसी की सूची निश्चित रूप से असम को बाधित करेगी। क्योंकि, राज्य को एक करोड़ बांग्लादेशियों का बोझ उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सूची के प्रकाशन के बाद असमिया के बीच उत्सव होना चाहिए। लेकिन, भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोग मिठाई बांटकर जश्न मनाते देखे गए, जो चिंता का विषय है। देव ने केंद्र सरकार से इस मामले की गहराई जांच कराने का आग्रह किया है।

उल्लेखनीय है कि अंतिम एनआरसी को आधिकारिक तौर पर 31 अगस्त को जारी किया गया है। इसे सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में वर्ष 2013 में शुरू किया गया था। शीर्ष अदालत तब से पूरे एनआरसी अद्यतन प्रक्रिया की निगरानी कर रही है। अंतिम सूची में शामिल होने के लिए कुल 3,11,21,004 व्यक्तियों को योग्य पाया गया, जबकि 19,06,657 अपात्र पाए गए। इससे पूर्व 2018 में प्रकाशित एनआरसी की अंतिम मसौदा सूची से 40 लाख से अधिक लोगों को बाहर रखा गया था।

 


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