‘दोस्त’ मलेशिया ने भी पाकिस्तान के पायलटों को जहाज से उतारा

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नई दिल्ली, 03 जुलाई (हि.स.)।  संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), वियतनाम ,यूरोपीय यूनियन और यूनाइटेड किंग्डम के बाद अब पाकिस्तान के दोस्त मलेशिया ने भी पाकिस्तानी पायलटों के जहाज उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सिविल एविएशन अथॉरिटी ऑफ़ मलेशिया ने एक बयान जारी कर यह कहा है कि उनके यहां काम कर रहे  विदेशी पायलटों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है। मुस्लिम देश मलेशिया पाकिस्तान का करीबी माना जाता है। वहां की सरकार पाकिस्तान के कहने पर भारत विरोधी बयान आदि जारी करती रही है।

मलेशिया में पाकिस्तानी पायलटों की संख्या 20 से कम है और वे न केवल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को संचालित करते हैं बल्कि वहां के फ्लाइंग क्लब और हवाई जहाज उड़ाने का प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों में भी काम कर रहे हैं। अब सिविल एविएशन अथॉरिटी ने इन संस्थानों में भी पाकिस्तान के पायलटों की सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्हें आगे काम करने की अनुमति तभी मिलेगी, जब उनकी डिग्री और प्रशिक्षण संबंधित सर्टिफ़िकेट की जांच ठीक ढंग से हो जाएगी।

इसके पहले एक जुलाई को यूनाइटेड किंगडम सिविल एविएशन अथॉरिटी ने कहा था कि वह अपने तीन हवाई अड्डों से संचालित होने के लिए पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के परमिट को वापस ले रही है। इधर संयुक्त अरब अमीरात ने भी अपने यहां काम कर रहे पाकिस्तानी पायलटों और इंजीनियरों की डिग्री और उनके लाइसेंस को सत्यापित करने की मांग की है, क्योंकि उनकी साख पर अब सबको संदेह है।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के सिविल एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने कराची विमान दुर्घटना पर जांच रिपोर्ट पेश करते हुए असेम्बली में कहा था कि उनके 40 प्रतिशत पायलट फर्जी हैं। उनके लाइसेंस जाली हो सकते हैं। खुद प्रधानमंत्री इमरान खान ने 30 जून को नेशनल असेम्बली में कहा कि सिविल एविएशन विभाग में इतना करप्शन है कि 11 साल के कार्यकाल में 10 चीफ बदले जा चुके हैं।

 


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