गुवाहाटी, 15 दिसम्बर (हि.स.)। पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच रविवार को अवकाश वाले दिन गुवाहाटी में सड़कों पर काफी चहल-पहल देखी जा रही है। हालात धीरे-धीरे सामान्य होते नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि कर्फ्यू वाले इलाकों मे प्रशासन ढील दे रहा है। रविवार को भी गुवाहाटी में सुबह नौ से शाम छह बजे तथा डिब्रूगढ़ में सुबह सात से शाम चार बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है।
इस बीच अभी भी कुछ इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण देखी जा रही है। गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, जोरहाट, तिनसुकिया, तेजपुर आदि जिलों में आंदोलनकारियों के हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर बुधवार की शाम और गुरुवार को क्रमवार कर्फ्यू लगाया गया था। इसकी वजह से आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया। रविवार को लगातार दूसरे दिन स्थिति में सुधार होते देखा जा रहा है। कर्फ्यू वाले इलाकों में दिन के समय प्रशासन ने ढील दी है, जिसकी वजह से रविवार होने के बावजूद दुकानें खुल गईं तथा सड़कों पर निजी वाहनों के साथ ही सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही भी सामान्य होती दिखाई दे रही है। गत गुरुवार को उग्र प्रदर्शनकारियों के साथ राजधानी के डाउन टाउन इलाके में हुई हिंसक झड़प में घायल एक और युवक की बीती रात 09.55 बजे मौत हो गई। इस तरह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध को लेकर शुरू हुए आंदोलन के हिंसक होने के फलस्वरूप अनौपचारिक रूप से पांच लोगों की मौत हो गई। हालांकि औपचारिक रूप से शनिवार को प्रशासन ने दो लोगों के मरने की पुष्टि की थी।
डाउन टाउन में हिंसक आंदोलन में घायल उदालगुड़ी के माजुली बागान निवासी परमेश्वर नायक की बीती रात गुवाहाटी मेडिकल कालेज अस्पताल में मौत हो गई जबकि छह से अधिक लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। असम पुलिस महानिदेशक ने बताया है कि पूरे हालात पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। साथ ही किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान हिंसा फैलाने वाले लोगों की वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस की विशेष टीम पहचान कर रही है। किसी भी उपद्रवी को छोड़ा नहीं जाएगा। कामरूप (मेट्रो) जिला प्रशासन ने गुवाहाटी में रविवार की सुबह 9 से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी है। रविवार का दिन होने के चलते लोग अपने घरों से निकलकर खाने-पीने के सामानों की खरीदारी में जुट गए हैं। खासकर राजधानी में रविवार को लगने वाली साप्ताहिक सब्जी बाजारों में पूरी तरह से चहल-पहल दिखाई दे रहा है। छुट्टी का दिन होने के बावजूद सड़कों पर सिटी बसों समेत सभी तरह के वाहन चल रहे हैं। शहर में पूरी तरह से चहल-पहल दिखाई देने लगी है।
हिंसा प्रभावित डिब्रूगढ़ जिले में कर्फ्यू में सुबह 7 से अपराह्न 4 बजे तक की रियायत दी गई है। शनिवार से आमतौर पर राज्य के सभी हिस्सों में हालात सामान्य हैं। हालांकि विभिन्न संगठनों के लोग नागरिकता संशोधन कानून का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं। ऑल असम छात्र संस्था (आसू) के आह्वान पर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में आरंभ हुए आंदोलन में कई संगठन हिस्सा ले रहे हैं। अब यह भी आरोप लगा है कि कुछ शरारती तत्व आंदोलन को हिंसक बनाने के लिए जिम्मेदार हैं। इसमें कितनी सच्चाई है, यह जांच का विषय है।
नये कानून के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में आसू समेत कुल 15 याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिन पर 18 दिसम्बर को पहली सुनवाई होगी। स्कूल और कालेजों को आगामी 22 दिसम्बर तक बंद कर दिया गया है। सरकारी कामकाज भी पूरी तरह से ठप दिखाई दे रहा है। हिंसक आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग में गुवाहाटी में चार तथा डिब्रूगढ़ में एक व्यक्ति की मौत होने की जानकारी सामने आई है। कानून व्यवस्था को संभालने के लिए पुलिस विभाग में काफी फेरबदल किया गया है। केंद्रीय अर्धसैनिक बल व कुछ इलाकों में सेना के जवानों को भी तैनात किया गया है। कामरूप (मेट्रो) जिला प्रशासन ने बताया है कि हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। अगर स्थिति यही बनी रही तो बहुत जल्द कर्फ्यू को हटा लिया जाएगा। राज्य मोबाइल इंटरनेट सेवा अगले सोमवार की शाम सात बजे तक बंद है। इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इंटरनेट के बंद होने से मीडियाकर्मियों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। प्रशासन ने कई संगठनों के बड़े नेताओं को गिरफ्तार करना भी शुरू कर दिया है।