उत्तर बिहार में बाढ़ की विभीषिका, दस नदियां उफान पर

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सुपौल में खाट और नाव बना सहारा

मुजफ्फरपुर में रिहायशी इलाकों में भी घुसा पानी

दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड बंद



पटना, 31 अगस्त (हि.स.)। उत्तर बिहार में बाढ़ से एक बार फिर हाहाकार मचा है। पश्चिमी चम्पारण से लेकर सहरसा-सुपौल जिलों तक बाढ़ की विभीषिका से लोग हलकान हैं। दस नदियां पूरे उफान पर है। उत्तर बिहार के साथ कोसी क्षेत्र में भी बाढ़ का संकट गहरा गया है। सुपौल में जहां खाट और नाव सहारा बने हैं वहीं मुजफ्फरपुर में रिहायशी इलाकों में भी पानी घुस गया है। समस्तीपुर रेल मंडल के दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर पानी चढ़ने से मंगलवार दोपहर से ट्रेनों का परिचालन बंद है।

नेपाल से निकलने वाली अधिसंख्य प्रमुख नदियां लाल निशान से ऊपर बह रही हैं। गंडक (नारायनी-बुड्ढी गंडक) का डिस्चार्ज भी काफी बढ़ गया है। नेपाल से बिहार में इस नदी के माध्यम से वाल्मीकिनगर बैराज पर सुबह तक करीब चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। राज्य में कुल दस बड़ी नदियां लाल निशान से ऊपर बह रही हैं। कोसी के बराह क्षेत्र में एक लाख 787 हजार और बराज पर दो लाख 38 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है।

उधर, गंगा भी बक्सर से भागलपुर तक एक बार फिर बढ़ने लगी है। हालांकि, पटना के हाथीदह और भागलपुर के कहलगांव को छोड़कर सभी जगहों पर लाल निशान से नीचे है। कोसी और गंडक का डिस्चार्ज बढ़ने के साथ इन दोनों नदियों का जलस्तर भी लाल निशान से काफी ऊपर है। कोसी खगड़िया में लाल निशान से पौने दो मीटर ऊपर बह रही है। कटिहार में यह नदी लाल निशान से 70 सेमी ऊपर है। गंडक भी गोपालगंज में 142 और मुजफ्फरपुर में 54 सेमी ऊपर है। इन जिलों में इसका बढ़ना अभी जारी है।

हालांकि, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चम्पारण में यह नदी आज से नीचे उतर रही है और वहां लाल निशान से मात्र करीब दो सेमी ऊपर है। बागमती नदी सीतामढ़ी में 64, शिवहर में 99, मुजफ्फरपुर में 172 और दरभंगा में 84 सेमी लाल निशान से ऊपर है। बूढ़ी गंडक समस्तीपुर में लाल निशान से तीन और रोसड़ा में 101 तथा खगड़िया में 80 सेमी लाल निशान से ऊपर है। लालबकेया पूर्वी चम्पारण में 25 सेमी ऊपर है। अधवारा सीतामढ़ी के सुंदरपुर में 145 सेमी, महानंदा पूर्णिया में 98 और घाघरा सीवान में छह सेमी ऊपर है।

दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर ट्रेनों का आवागमन बंद

समस्तीपुर मंडल के दरभंगा-समस्तीपुर रेलखण्ड अंतर्गत थलवारा-हायाघाट के मध्य पुल संख्या 16 (किलोमीटर 22/06-08) पर बाढ़ के पानी का जलस्तर बढ़ने के कारण मंगलवार को अपराह्न 13:30 बजे से रेल यातायात बन्द कर दिया गया है। रेल यातायात बाधित होने के कारण इस रेलखण्ड पर चलने वाली गाड़ियों का रद्दीकरण/आंशिक समापन/मार्ग परिवर्तन किया गया है

खाट बना तटबंध के अंदर बसे लोगों का एम्बुलेंस

बिहार में बाढ़ प्रभावित सुपौल जिले में कोसी नदी तटबंध के अंदर बसे लोगों के लिए अभिशाप बन गई है। कभी बाढ़ तो कभी कटाव के कारण लोग भयभीत रहते हैं।नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी में पानी घटने और बढने का सिलसिला पिछले चार दिनों से लगातार जारी है। जिले के खुखनाहा गांव में मंगलवार को लोग काफी भयभीत थे। चार आदमी एक खाट पर एक बुजुर्ग महिला जो काफी बीमार थी को लाद कर सदर अस्पताल ले जा रहे थे। मिथिलेश नामक युवक ने बताया कि कोसी का यह एम्बुलेंस है। घाट तक खाट पर लादकर ले जाएंगे, उसके बाद नाव से सुपौल। गांव में कोई भी ऐसा घर नहीं कि उनके घर में पानी न हो। पानी बढते देख कई लोग घर तोड़ ऊंचे स्थान की ओर जा रहे थे।

सहरसा जिले में दो बच्चियों की मौत

जिले के अलग-अलग दो ओपी क्षेत्र में पानी में डूबने से दो बच्चियों की मौत हो गई। पुलिस ने दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिए सहरसा भेजकर जांच पड़ताल कर रही है।बख्तियारपुर थाना के बलवाहाट ओपी के सिंगरौली गांव में काली स्थान के पीछे पानी भरे धान के खेत से अनिल सादा की आठ वर्षीया पुत्री सपना कुमारी का शव मिला। बच्ची सोमवार देर शाम काली स्थान में प्रसाद खाने गई थी। उसके बाद से लापता थी। मंगलवार की सुबह में ग्रामीणों द्वारा खोजबीन करने पर धान के खेत से शव मिला। सोनवर्षा राज थाना के काशनगर ओपी का है। बराही गांव के समीप शौच के दौरान मंगलवार की सुबह पैर फिसल जाने से बेलदौर थाना के बोबिल गांव निवासी स्व. उपेंद्र महतों की पुत्री निर्मला कुमारी (12) की मौत पौखर के पानी में डूबने से हो गई।

भागलपुर में बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिली सरकारी सहायता

जिले के गोराडीह प्रखंड के बाढ़ प्रभावित लोगों को सरकार द्वारा मिलने वाली सहायता राशि एवं राशन नहीं मिलने से बाढ़ प्रभावित जनता में आक्रोश है। अब गोराडीह प्रखंड के बाढ़ प्रभावित जनता इसको लेकर आंदोलन करने के मूड में आ गए हैं। प्रखंड क्षेत्र के सैकड़ों लोग एवं जनप्रतिनिधि द्वारा हस्ताक्षरयुक्त एक आवेदन मंगलवार को जिला पदाधिकारी भागलपुर सहित मुख्यमंत्री बिहार सरकार, आपदा प्रबंधन विभाग बिहार सरकार, अनुमंडल पदाधिकारी भागलपुर, आरक्षी अधीक्षक भागलपुर को देते हुए अंचलाधिकारी गोराडीह पर आरोप लगाया है कि इनके द्वारा बाढ़ पीड़ितों को किसी भी प्रकार का सहायता राशि नहीं दिया गया है।

मुजफ्फरपुर में बाढ़ से हालत बिगड़े

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। बूढ़ी गंडक नदी के जल स्तर में बढ़ोत्तरी के बाद जिले के निचले इलाकों में पानी घुसने से लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। सिकंदरपुर के अंबेडकर नगर में पिछले एक महीने लोग जल जमाव से परेशान हैं। हालात ये है कि लोग अपना घर तक छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। यही नहीं रिहायशी इलाकों में पानी घुसने से घरों में सांप-बिच्छू का निकलना आम हो गया है, जिसके चलते लोग दहशत में हैं।

गोपालगंज के छह प्रखंड बाढ़ से प्रभावित

बिहार के गोपालगंज में बाढ़ का पानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बाल्मीकि नगर बैराज से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कई गांव में बाढ़ का पानी फैला हुआ है। गोपालगंज सदर अनुमंडल के छह प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं। माझा प्रखंड के गौसिया पंचायत के कई वार्डों में लोगों का हाल खराब है। यहां पर कई घर बाढ़ में डूब गए हैं। कुछ घर और झोपड़ियां बाढ़ के बीच में बचे जरूर हैं लेकिन वहां पर भी लोगों की जिंदगी जद्दोजहद में कट रही है।


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