श्रीनगर, 04 सितम्बर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर से केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 व 35ए हटाए जाने के लगभग एक महीने बाद राष्ट्र विरोधी तत्वों की लाख कोशिशों के बावजूद कश्मीर घाटी में हालात सामान्य होने की ओर अग्रसर है। स्कूलों और सरकारी कार्यालयों के बाद ज्यादातर दुकानें भी खुली हैं। सड़कों पर आम लोगों और वाहनों की आवाजाही बेहतर चल रही है। कश्मीर में 92 पुलिस थाने ऐसे हैं, जहां दिन के वक्त कोई पाबंदी नहीं है जबकि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के 93 प्रतिशत हिस्से में कोई भी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू नहीं है। अनुच्छेद 370 हटने बाद जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में अब हालात बेहतर हो गए हैं।
जम्मू और कश्मीर सरकार के डीआईपीआर विभाग के अनुसार कश्मीर क्षेत्र में आवश्यक दवाओं अन्य चिकित्सा उत्पादों की कोई कमी नहीं है। 20 जुलाई से अब तक घाटी में वितरकों को लगभग 50 करोड़ रुपये की दवाएं दी गई हैं। प्रमुख दवा निर्माण कंपनियां बिना किसी विराम के अपनी सेवाएं जारी रखी हुईं हैं। वे नियमित रूप से दवाएं प्रदान कर रही हैं। बड़ी बीमारियों की दवाइयां व अन्य चिकित्सा उत्पादों की नियमित आपूर्ति प्रदान की गई है।
इस सबके बीच कश्मीर घाटी में 29 टेलीफोन एक्सचेंज बहाल कर दिए गए हैं। अब 95 में से 76 एक्सचेंज चल रहे हैं। घाटी में 26 हजार लैंडलाइन्स को चालू कर दिया गया है। इसी बीच कश्मीर घाटी में मोबाइल व मोबाइल इंटरनेट सेवा अभी भी बंद है। प्रशासन के अनुसार सरकारी दफ्तर भी पहले की तरह काम कर रहे हैं और स्टाफ भी मौजूद है। इसी बीच बुधवार को प्राइमरी, मिडिल और हाई स्कूल खुले होने के चलते छात्रों व स्टाफ की सख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। सार्वजनिक और निजी वाहन पहले के मुकाबले अब सड़कों पर ज्यादा दिखाई दे रहे है। इसके अलावा दूसरे राज्यों को जाने वाली बसें भी उपलब्ध हैं।