सबसे कम समय में तैयार होगा नोएडा अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्टः डाॅ. अरुण वीर सिंह
नोएडा, 18 दिसम्बर (हि.स.)। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिसम्बर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इस एयरपोर्ट से पहले ही साल में लगभग 50 लाख लोग यात्रा करेंगे। एयरपोर्ट बनाने में कुल 30 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसकी वजह से क्षेत्र में लगभग दो लाख 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश मिलने की संभावना है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) एवं यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डाॅ. अरुण वीर सिंह ने खास बातचीत में बताया कि इस एयरपोर्ट के कारण लगभग 1.10 लाख लोगों को नियमित और कुल मिलाकर तीन लाख लोगों को किसी न किसी रूप में रोजगार मिलेंगे। डा. अरुण वीर सिंह ने दावा किया नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) दुनिया में सबसे कम अवधि में बनने वाला पहला एयरपोर्ट होगा। इस एयरपोर्ट का निर्माण शत प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के जरिए हो रहा है।
फिलहाल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मास्टर प्लान तैयार हो रहा है, जिस पर मार्च 2021 से कार्य शुरू हो जाएगा। यह एयरपोर्ट दिसम्बर 2023 में काॅमर्शियल आपरेशन के लिए तैयार हो जाएगा। यहां से अन्तरराज्यीय और अन्तरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन होगा। यह राष्ट्रीय राजधानी में दूसरे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में काम करेगा। उल्लेखनीय है कि दिल्ली स्थिति इंदिरा गांधी अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उड़ानों का बेहद दबाव रहता है। इसीलिए दिल्ली के दूसरे सिरे पर नोएडा में एक अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी।
डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) की कनेक्टिविटी इतनी अच्छी होगी कि एनसीआर में कहीं से भी आसानी से बहुत कम समय में पहुंचा जा सकेगा। एक्सप्रेस वे, दिल्ली-मुंबई हाइवे, दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन के लिए यहां से बस फेरी सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट 20 मिनट में पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। अभी से ही 6 थाने स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) में विश्व स्तर की सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। पहले फेज में दो रनवे होंगे लेकिन दूसरे फेज में यह चार रनवे वाला एयरपोर्ट हो जाएगा। 1334 हेक्टेयर में विकसित हो रहे इस एयरपोर्ट के विस्तार की काफी संभावनाए हैं।