सिख विरोधी दंगा : सुप्रीम कोर्ट ने सज्जन कुमार को नहीं दी जमानत
नई दिल्ली, 04 मार्च (हि.स.)। 1984 सिख विरोधी दंगा के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत देने से मना कर दिया। कोर्ट ने एम्स के मेडिकल बोर्ड से स्वास्थ्य जांच करने का निर्देश दिया है। मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट तय करेगी कि उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करना जरूरी है या नहीं। अदालत ने यह भी कहा है कि सज्जन कुमार को एम्स में 5 फरवरी को साढ़े दस बजे तक डॉक्टर्स पैनल के सामने लाया जाए। स्वास्थ्य जांच की रिपोर्ट हफ्ते भर में कोर्ट में पेश की जाए।
सुनवाई के दौरान सज्जन कुमार के वकील विकास सिंह ने कहा कि सज्जन कुमार का वजन 67 से 53 किलो हो गया है। इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल तुषार कपूर ने एम्स की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि 10 दिसम्बर को आठ डॉक्टरों की टीम ने जांच की। सभी अंग सही काम कर रहे हैं। सिर्फ रक्तचाप बढ़ा हुआ है। कोई असामान्य परेशानी नहीं है। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे ने कहा कि चेकअप के लिए उनको एम्स भेज सकते हैं?
06 नवम्बर, 2019 को कोर्ट ने सज्जन कुमार की मेडिकल रिपोर्ट तलब की थी। विकास सिंह ने कहा था कि सज्जन कुमार की तबियत खराब है, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। इसके बाद कोर्ट ने एम्स अस्पताल से सज्जन कुमार की मेडिकल रिपोर्ट तलब की थी। 04 नवंबर, 2019 को कोर्ट ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। सज्जन कुमार की ओर से वकील शेखर नफड़े ने तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच से जमानत अर्जी पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। जस्टिस गोगोई ने कहा कि वे देखेंगे।
सिख विरोधी दंगे के एक मामले में उम्रकैद की सजा:
05 अगस्त, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने सज्जन कुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ऐसे मामले में जमानत नहीं दे सकते। साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सज्जन कुमार की अपील पर भी तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया था।