श्रीनगर, 01 नवम्बर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के पहले शुक्रवार को भी जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज़ पढ़ने की इजाजत नहीं दी गई है। 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से लेकर अब केंद्र शासित प्रदेश बनने तक कुल 12 शुक्रवार को जामिया मस्जिद में नमाज़ नहीं पढ़ी गई है। आज एक बार फिर जामिया मस्जिद में लोगों को इकट्ठा होने से मना किया गया है।
हिंसक प्रदर्शनों की आशंका के चलते यहां की जामिया मस्जिद सहित कईं अन्य बड़ी मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा करने पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही कश्मीर घाटी के संवेदनशील स्थानों पर आंशिक प्रतिबंधों के साथ अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वह अपने गली-मोहल्ले की मस्जिदों में ही नमाज अदा करें। श्रीनगर तथा इसके आसपास जहां पर भी जामिया मस्जिद स्थित है के आसपास हिंसक प्रदर्शनों की आशंका के लोगों को एक जगह पर इकट्ठा होने पर मनाही है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कश्मीर घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण है और फिलहाल किसी भी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है। इस दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दक्षिण कश्मीर तथा उत्तरी कश्मीर के कई संवेदनशील इलाकों में आंशिक प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसी बीच शाम होते-होते अगर स्थिति शांतिपूर्ण रही तो इन आंशिक को भी हटा लिया जाएगा। जुमे के चलते फिलहाल घाटी में सभी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान तथा शिक्षा संस्थान बंद हैं। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी कम ही रही। इसी बीच प्रशासन ने स्थानीय मस्जिदों में ही लोगों से जुमे की नमाज अदा करने के लिए कहा है। शिक्षण संस्थानों को भी शुक्रवार को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। जम्मू कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद है इसके बावजूद पूरी कश्मीर घाटी में अब सभी जगह लैंडलाइन फोन सेवा तथा मोबाइल पोस्टपेड सेवा बहाल है।