विधान सभा सत्र के बाद कैबिनेट का विस्तार करेंगे नीतीश, भाजपा के मंत्रियों का कोटा बढ़ेगा

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पटना, 22 नवम्बर (हि.स)। विधान सभा सत्र के बाद नई सरकार के पहले मंत्रिमंडल का विस्तार किया जायेगा। सूत्रों के मुताबिक, इस विस्तार में भाजपा का कद बढ़ने की संभावना है। फिलहाल  भाजपा कोटे से 7 और जदयू कोटे से 5 मंत्री हैं। इनमें से एक जदयू कोटे से मंत्री बने मेवालाल चौधरी  अपना इस्तीफा दे चुके हैं।
भाजपा कोटे से 19 लोग बन सकते हैं मंत्री
बिहार में छोटे भाई की भूमिका में रहने वाली भाजपा इस बार 74 सीटें जीतकर बड़े भाई की भूमिका में है। इसका हर ओर असर भी दिख रहा है।  पिछली सरकार में भाजपा कोटे से डिप्टी सीएम समेत 13 मंत्री थे जबकि जदयू कोटे से सीएम को मिलाकर 22 मंत्री थे। सूत्रों का कहना है कि अबकी बार विस्तार में भाजपा के कोटे से 19 और जदयू कोटे से 16 मंत्री होंगे।
कैबिनेट में अभी जदयू कोटे से सीएम समेत 5 मंत्री हैं। 11 और शपथ ले सकते हैं। इसी प्रकार भाजपा के अभी 7 मंत्री हैं। 12 और मंत्री बन सकते हैं ।यानी कुल 19 मंत्री। बिहार में कुल 44 विभाग हैं, लेकिन मंत्रियों के लिए 36 पद ही स्वीकृत किए गए हैं। जो विभाग बचते हैं, उन्हें मुख्यमंत्री देखते हैं।
अभी एक मंत्री पर 5-5 विभागों की जिम्मेदारी
16 नवंबर को नीतीश कुमार ने एनडीए के घटक दलों के नेताओं के साथ शपथ ली थी, लेकिन उस समय सांकेतिक रूप से कुछ ही नेताओं की शपथ हो पाई थी। इसी वजह से एक-एक मंत्री को पांच-पांच विभागों की जिम्मेदारी दी गई है।
डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के पास 6, विजय कुमार चौधरी और अशोक चौधरी को 5 विभाग, जबकि विजेंद्र प्रसाद यादव को 4 विभाग दिए गए हैं। दूसरी डिप्टी सीएम रेणु देवी, मंगल पांडेय, अमरेंद्र प्रताप और जीवेश कुमार को 3-3 विभाग देखने हैं। रामसूरत राय और संतोष कुमार सुमन के पास दो-दो विभाग हैं। शीला कुमारी, मुकेश सहनी और रामप्रीत पासवान को एक-एक विभाग मिला है।

 


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