नीतीश-सुमो केमिस्ट्री से तेजस्वी की बेचैनी बढ़ी

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नीतीश को कैप्टेन बताने वाले सुशील मोदी भाजपा के डिसिजन मेकर नहीं हैं  वह तो नीतीश मैन हैं और अपनी पार्टी के बजाय नीतीश के इशारे पर बोल रहे थे



पटना, 12 सितम्बर (हि.स.): नीतीश कुमार को अगले चुनाव में भी मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने या नहीं बनाने को लेकर भाजपा में जो खींचतान चल रही है उस पर गहरी नज़र जमाये बैठे हैं प्रतिपक्ष के नेता और राजद के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी प्रसाद यादव.वह यह भी उम्मीद लगाये हुए हैं कि अगर भाजपा और जदयू गठबंधन में कोई दरार आती है तो उसका सीधा फायदा महागठबंधन को होगा. लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के ट्वीट के बाद तेजस्वी की उम्मीदों पर पानी फिरता नज़र आ रहा है.

तेजस्वी, जो अपना अधिकतर समय दिल्ली या कहीं और बिताते हैं, वापस लौटते ही सुशील मोदी पर हमलावर हो गये और ऐसे ट्वीट कर डाले मनो उन्हें भाजपा की चिंता सता रही है. उप मुख्यमंत्री को नीतीश का आदमी बताते हुए उन्होंने कटाक्ष किया, “ सुशील मोदी जी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी के चेहरे पर भी विश्वास नहीं रखते. कहते हैं विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के पास स्थापना के 37 वर्ष बाद भी बिहार में कोई योग्य चेहरा नहीं है. हमें नीतीश जी के नाम पर वोट मिलता है. श्री अमित शाह जी, क्या आप स्वीकारते हैं भाजपा में टैलेंट का इतना अकाल है.”

इतने पर ही बस नहीं किया बल्कि भाजपा  प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र यादव, दो केन्द्रीय मंत्रियों गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय को  टैग करते हुए एक दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने पूछा कि क्या वह सुशील मोदी की “ इस बात से सहमत हैं कि भाजपा के पास बिहार में योग्य और काबिल चेहरे का अभाव है और बिना नीतीश जी के 15 प्रतिशत वोट के आप शून्य और भावहीन हो जायेंग? हाँ या ना??”

राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि सुशील मोदी के बुधवार वाले ट्वीट को लेकर तेजस्वी को घबराहट हो रही है कि अगर राजग एकजुट रहता है तो महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. खास तौर पर लोक सभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए ऐसा अंदाज़ा लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है.

सुशील मोदी के इस बयान पर कि नीतीश कुमार बिहार में राजग के कैप्टेन हैं, चौके छक्के लगा रहे हैं, विरोधियों को इनिंग डिफीट दे रहे हैं तो उन्हें बदलने का प्रश्न कहाँ उठता है और वह 2020 में भी कप्तान बने रहेंगे, जितना पुरजोर विरोध तेजस्वी कर रहे हैं उतना तो भाजपा में सुमो के विरोधी भी नहीं कर रहे हैं. तेजस्वी ने यह कह कर कि सुशील मोदी को नरेन्द्र मोदी के चेहरा पर विश्वास नहीं है और भाजपा के बड़े नेताओं से सवाल पूछ कर कि क्या वह सुमो की बात से सहमत हैं एक तरह से यह कोशिश की है कि वह सुशील मोदी के खिलाफ में बोलें और पार्टी में उनके विरोध में माहौल बनाया जाये. राजद नेता कहते हैं, “ नीतीश को कैप्टेन बताने वाले सुशील मोदी भाजपा के डिसिजन मेकर नहीं हैं  वह तो नीतीश मैन हैं और अपनी पार्टी के बजाय नीतीश के इशारे पर बोल रहे थे. अभी तक ऐसा आरोप तो भाजपा में सुशील मोदी के कट्टर विरोधियों ने भी नहीं लगाया है जबकि पार्टी में उनके विरोधियों की कमी नहीं है.

 


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