पटना, 04 मई (हि.स.) । प्रवासी बिहारी मजदूरों की ट्रेन से हो रही वापसी को लेकर टिकट पर खड़े हुए बवाल को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने सोमवार को जारी अपने बयान में कहा है कि मजदूरों को रेल का किराया नहीं देना होगा। राज्य सरकार इसका खर्च वहन करेगी। साथ ही मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट में घर लौटने वाले मजदूरों के लिए कई और राहत का भी एलान किया है। बता देंं कि प्रवासी मजदूरों के ट्रेन के माध्यम से बिहार वापस लौटने पर नीतीश सरकार के एक चहेते अफसर ने कहा था कि जितने भी मजदूर घर वापस आ रहे हैं, उन्हें रेलवे का किराया देना होगा। यह बात जैसे ही मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंची तो जनता से लेकर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव तक ने बवाल काटना शुरू कर दिया। यहां तक कि स्वयं एनडीए गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने नोडल अफसरों के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसपर पुनर्विचार करना चाहिए। इतना ही नहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर सरकार के पास पैसे नहीं हैं तो मैं 50 ट्रेनों का किराया देने को तैयार हूं। रेल किराए को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मजदूरों और छात्र-छात्राओं से रेल का किराया नहीं लिया जाएगा। अगर किसी ने इसका भुगतान किया है तो वह राशि वापस की जाएगी। इतना ही नहीं, अपने गृह जिले में 21 दिनोंं तक क्वारेंटाइन पूरा करने वाले मजदूरों को सरकार घर वापसी के समय पांच-पांच सौ रुपए की सहायता भी उपलब्ध कराएगी।