अलोकतांत्रिक रहा बजट सत्र के दौरान विपक्ष का रवैया : नीतीश कुमार
पटना, 24 मार्च (हि.स.)।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विपक्ष का रवैया पूरे एक माह के बजट सत्र के दौरान अलोकतांत्रिक रहा। उन्होंने कहा कि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक-2021 समेत कई अन्य विधेयक विधानसभा और विधान परिषद से पारित हो गया है। सभी विधेयकों को राज्यपाल के पास भेजा जायेगा। उनकी स्वीकृति मिल जाने के बाद विधेयक लागू हो जायेगा। विधेयकों के पारित होने पर हम सभी सदस्यों को बधाई देते हैं।
सदन में विपक्ष के हंगामे को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष का जो भी रवैया सदन में रहा वह अलोकतांत्रिक रहा। जिस तरह से विपक्षी सदस्यों ने व्यवहार किया है, वह अच्छी बात नहीं थी। कल विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा में कार्यवाही नहीं होने को लेकर काफी व्यवधान उत्पन्न किया।
उन्होंने कहा कि अगर किसी विधेयक को लेकर विपक्षी सदस्यों के मन में कोई शंका थी तो उस पर चर्चा करनी चाहिए थी। विधेयक के बारे में पूरी स्पष्टता से सारी बातें बताई गयी हैं। विधेयक में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके बारे में दुष्प्रचार किया गया। विपक्षी सदस्यों को सदन की चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए था। विधेयक पर चर्चा करनी चाहिए थी। कल सदन में ऐसी घटना घटी है जो पहले कभी नहीं घटी थी। अब स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में है कि वे कल की घटना को लेकर क्या करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजग के सभी विधायक कल विधानसभा में शांति से बैठे हुए थे। स्पीकर के चैंबर का भी कल घेराव किया गया। सदन में स्पीकर के आसन के आसपास जिस प्रकार का आचरण किया गया, उसे सभी ने देखा। इस तरह का व्यवहार सदन में कभी नहीं होता है। आज कहा जा रहा है कि सदन में पुलिस क्यों आयी थी? ये स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में है कि वो स्थिति को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाते हैं।
उन्होंने कहा कि स्पीकर के चैंबर के बाहर आज तक किसी ने भी ऐसा हंगामा नहीं किया था। स्पीकर को बंधक बनाया गया। स्पीकर के आसन का भी अपमान किया गया। रिपोटर्स टेबुल को भी तोड़ा गया। सदन में पेपरवेट भी फेंका गया। सदन के अंदर ऐसी गतिविधियां आज तक नहीं हुई थी। इन सभी चीजों को बरदाश्त करते हुए कल विधानसभा की कार्यवाही हुयी और जिन विधेयकों को सदन से पारित किया जाना था उसे पारित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव भी संपन्न हो गया है। सदस्यों ने अपना मत प्रकट किया है। आज सदन में बहुमत से ज्यादा 124 सदस्यों ने उपाध्यक्ष के चुनाव में राजग उम्मीदवार को अपना मत दिया और महेश्वर हजारी उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए। आज विधान परिषद में भी कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश की गयी। विधानसभा और विधान परिषद के सभी माननीय सदस्यों की जिम्मेवारी है कि सदन नियमों के अनुकूल चले।
उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों को नियमों के मुताबिक कार्य करना चाहिए। सदन के अंदर अपनी बातें कहनी चाहिए। सदन के अंदर अगर विपक्षी सदस्य अपनी बातें रखते तो उसका जवाब दिया जाता। सदन में चर्चा के बाद वे अपने मन के मुताबिक विधेयक के पक्ष या विपक्ष में अपना मत देते। हमने गृह विभाग को निर्देश दिया है कि इस बिल के बारे में सभी बातों की जानकारी प्रेसवार्ता के माध्यम से दें। इस बिल का प्रचार प्रसार करें। इस बिल में ऐसा कुछ भी नहीं है जो किसी का अहित करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन की कार्यवाही में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, चाहे वह सत्तापक्ष के हो या विपक्ष के। आप सभी लोग जानते हैं कि हम 1985 में पहली बार विधायक बने उसके बाद हम सांसद बने। वर्ष 2005 के 24 नवम्बर से बिहार के लोगों की सेवा कर रहे हैं। आज तक हमने ऐसा दृश्य नहीं देखा था। हम इतना जरूर आग्रह करेंगे कि विधानसभा हो, विधान परिषद हो ये सबकी जिम्मेवारी है कि सदन के सुचारू संचालन में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि अपनी भूमिका का सबको निवर्हन करना चाहिये और जो कुछ भी अपना विचार है उसे प्रकट करना चाहिये। सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने देना चाहिये। सत्तापक्ष के जो विधायकगण हैं वे सब नियमों के अनुसार काम करना चाहते थे। पुलिसकर्मियों के साथ भी विपक्षी सदस्यों ने दुर्व्यवहार किया।