अपराध, सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं हो सकता : नीतीश कुमार

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नीतीश कुमारकहा- स्वतंत्रता आंदोलन में बिहार की अग्रणी भूमिका रही



पटना, 15 अगस्त (हि.स.)। स्वतंत्रता आंदोलन में बिहार की अग्रणी भूमिका रही है। आज बिहार में कानून का राज है और और हमलोग न्याय के साथ विकास के पथ पर अग्रसर हैं। अपराध, सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार से कोई भी समझौता नहीं हो सकता। अपराध, सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैंं। ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गांधी मैदान में  झंडातोलन के दौरान कहींं।उन्होंने परेड की सलामी भी ली।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रध्वज तिरंगा  फहराने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के विकास के लिए सरकार कई मोर्चे पर काम कर रही है। सात निश्चय के तहत जो लक्ष्य निर्धारित किये गये थे वे पूरे किये जा रहे हैं। आज हर घर तक बिजली पहुंच चुकी है। हर गांव को सड़क से जोड़ने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। पहले लोगों को बिहार के सुदूर स्थानों से 6 घंटे में राजधानी पटना पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसे कब का हासिल कर लिया गया। अब 5 घंटे का लक्ष्य रखा गया है। उसी के लिहाज से काम भी चल रहा था। उन्होंने कहा कि राज्य में न सिर्फ सड़कों और पुल- पुलियों का व्यापाक स्तर पर निर्माण किया गया है बल्कि उनके रख रखाव की भी पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। पहले देखा जाता था कि रख रखाव के अभाव में सड़केंं जल्द खराब हो जाती थींं और उन्हेंं दोबारा बनवाया जाता था। अब सड़कों को निर्माण काल के बाद से ही मेंटेन करने की नीति अपनाई गयी है।

उन्होंने कहा कि हर घर में नल के जरिये पानी पहुंचाने के लक्ष्य के भी हम करीब हैं। विकास की मुख्यधारा से उन टोलों को भी जोड़ा गया है जो गांव से कटे हुये थे। ऐसे टोलों की न सिर्फ पहचान की गई है बल्कि उन तक सरकार की सभी योजनाओं का लाभ को पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जरुरत के मुताबिक व्यापक पैमाने पर भवनों का भी निर्माण किया गया है। पटना में बापू सभागार, स्वागत द्वार, पुलिस भवन, बिहार म्यूजियम आदि यहां के लोगों की जरुरतों के मुताबिक बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि बिहार की आधारभूत संरचना को दुरुस्त करने लिए तो हम काम कर ही रहे हैं लोकसेवा अधिकार कानून के जरिये आमलोगों का हाथ भी मजबूत कर रहे हैं। यह कानून अधिकारियों को उनके उत्तरदायित्व के प्रति गंभीर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत अब तक 21 करोड़ 93 लाख आवेदनों का निष्पादन हो चुका है। उन्होंने कहा कि सभी को सजग रहने की जरुरत है। यदि कोई अधिकारी काम नहीं कर रहा है तो उसकी शिकायत कर सकते हैं। आपकी शिकायतों को सुना जाएगा और कार्रवाई भी होगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार सामाजिक क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। शराबबंदी व दहेज प्रथा और बाल विवाह पर रोक ऐसे ही काम हैंं। बिहार में शराबबंदी से सबसे अधिक फायदा महिलाओं और बच्चों को हुआ है। शराबबंदी के बाद से इनके जीवन में गुणात्मक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कुर्तक करते हैं कि शराब पीना उनका अधिकार है। ऐसे लोगों की वह परवाह नहीं करते हैं। शराबबंदी के पक्ष में बिहार के 4 करोड़ लोगों ने मानव श्रृंखला बनायी थी। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी 2018 में जारी अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि शराब पीने का सबसे बुरा असर युवाओं पर पड़ रहा है। लोगों के लीवर खराब हो रहे हैं, मुंह का कैंसर हो रहा है और  टीबी जैसी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। यहां तक कि शराब की वजह लोग आत्महत्या की ओर भी प्रवृत हो रहे हैं। यह लोगों को हिंसक भी बनाता है। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत काम कर रही है। लड़कियों को पढ़ने के लिए विशेष रुप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। 10 वीं पास करने पर लड़की को 10 हजार रुपये और ग्रेजुएशन करने पर 25 हजार रुपये आगे की पढ़ाई के लिए दिये जा रहे हैं। इसी तरह यदि कोई एससी या एसटी छात्र यूपीएससी के प्रीलिमनरी टेस्ट में पास करता है तो उसे मेन्स की तैयारी करने लिए 1 लाख रुपये दिये जा रहे हैंं। मदरसों से फोकनिया और मौलवी  की परीक्षा पास करने वाले छात्रों को क्रमश: 10 हजार  और 15 हजार रुपये दिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने का काम भी पूरी मुश्तैदी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब वह बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करने जाते हैं तो कुछ लोग उनका मजाक उड़ाते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि हवाई सर्वेक्षण से स्थिति को अच्छी तरह से समझा जा सकता है ताकि राहत कार्य चलाने की योजना बनाने में मदद मिले। लेकिन जिन लोगों ने काम नहीं किया है उन्हें इस बारे में क्या पता।

उन्होंने कहा कि देखने में आया है कि ज्यादातर हिंसक वारदातें जमीन के झगड़ों में हो रही हैं। इसलिए अब पारिवारि जमीन के बंटवारे को भी सहज कर दिया गया है। मात्र 100 रुपये में जमीन के बंटवारे हो रहे हैं। इस अवसर पर विभिन्न सरकारी महकमों द्वारा झांकिया भी निकाली गईंं।

 


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