पटना, 02 जून (हि.स.)। राजभवन में मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए में कोई मतभेद नहीं है। जदयू के कई मंत्री पद खाली थे और 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए जदयू के पहले से खाली पड़े पांच और लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुए तीन पदों पर मंत्रियों की नियुक्ति की गयी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जहां तक भाजपा की सीट की बात है तो हमने पार्टी प्रमुख से बात कही थी।
भाजपा नेता और उपमुख्मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शपथ ग्रहण से पहले शनिवार को ही हमसे इस संबंध में पूछा था। एनडीए में सब आल इज वेल है। बिहार में एनडीए 200 प्रतिशत एक साथ है और रहेगा।
शपथ लेने वाले नए मंत्रियों में लक्ष्मेश्वर राम मधुबनी के लौकहा से विधायक और बिहार जदयू के महासचिव हैं। लक्ष्मेश्वर 2015 में पहली बार विधायक चुने गये थे। लक्ष्मेश्वर छात्र आंदोलन में कई बार जेल जा चुके हैं।
बीमा भारती पूर्णिया के रुपौली से जदयू विधायक हैं। नीतीश के पहले कार्यकाल में भी वह मंत्री रह चुकी हैं। बीमा भारती 2000-05 और 2010 से अब तक विधायक हैं। वह बाहुबली अवधेश मंडल की पत्नी हैं।
अशोक चौधरी जदयू के विधान परिषद के सदस्य हैं और इससे पूर्व वह नीतीश कैबिनेट में शिक्षा मंत्री और बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। 25 साल कांग्रेस में रहने के बाद 2018 में पार्टी छोड़ जदयू में शामिल हुए थे।
श्याम रजक फुलवारी शरीफ से जदयू विधायक हैं। 1974 के जेपी आंदोलन से राजनीति में आए।
नीरज कुमार 2008 से जदयू की तरफ से विधान परिषद पहुंचे थे। 2009 से जदयू के राज्य स्तरीय प्रवक्ता हैं। इन्हें पहली बार बिहार मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
नरेंद्र नारायण यादव मधेपुरा के आलमनगर विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह नीतीश कैबिनेट में पहले भी मंत्री रह चुके हैं। नरेंद्र नारायण की जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका रही है। मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू कराने में इनकी अहम भूमिका रही है।
रामसेवक सिंह हथुआ विधानसभा सीट से जदयू विधायक हैं। संजय झा जदयू के राष्ट्रीय महासचिव हैं। वह हाल में ही एमएलसी चुने गए हैं।