नई शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों को वैश्विक नागरिक के रूप में तैयार करना : निशंक
नई दिल्ली, 24 नवम्बर (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का उद्देश्य विद्यार्थियों को वैश्विक नागरिक के रूप में तैयार करना है। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत मूलभूत स्तर पर प्रारंभिक कक्षाओं से करने की आवश्यकता है।
निशंक ने कहा, यह हर्ष का विषय है कि श्री अरविंदो सोसाइटी और एचडीएफसी बैंक ने इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 को अभियान के तौर पर लिया है। उन्होंने कहा कि 2020 ने हमें सिखाया है कि पुरानी विधियों और सीमाओं में बंधे होने का समय समाप्त हो गया है। शिक्षा में गुणात्मक सुधार की आवश्यकता है। असंख्य आशाओं को साकार करने के लिए, हमें शिक्षा में सकारात्मक बदलाव लाने होंगे और हमें आगे बढ़ना होगा, नए दृष्टिकोण अपनाने होंगे और अपनी वर्तमान पीढ़ी को भविष्य के लिए तैयार करना होगा; राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 इस दिशा में हमारा ठोस कदम है।
उन्होंने श्री अरविंदो सोसाइटी के ‘शिक्षा में शून्य में नवाचार’ कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के प्रयास बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि कक्षा में शिक्षा को रोचक और अनुभवात्मक बनाना है तो नवाचारों को आधार बनाकर कार्य करना आवश्यक है। अनुभवात्मक शिक्षण वर्तमान समय की मांग है। विद्यार्थियों को अगर प्रारंभिक कक्षाओं से ही आनुभविक शिक्षण प्राप्त होने लगता है तो उनकी सीखने की इच्छा और प्रश्न करने की जिज्ञासा बढ़ती है। जिज्ञासु विद्यार्थी निरंतर सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा बनते हैं जिसका लाभ उन्हें जीवनभर मिलता है।