निशंक ने कक्षा 1-5 के लिए आठ सप्ताह का वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया
नई दिल्ली, 02 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 5) के छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक गतिविधियों को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए गुरुवार को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा बनाया गया आठ हफ्ते का वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया। इसके पहले निशंक ने पहले चार हफ्ते के लिए एक वैकल्पिक कैलेंडर अप्रैल में जारी किया था।
मंत्रालय ने कहा कि इस वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर को बनाते समय नई तकनीकों एवं सोशल मीडिया को तरजीह दी गयी है, जिससे कि बच्चे घर पर इन तकनीकों के प्रयोग से आनंदपूर्वक और रुचिपूर्ण ढंग से शिक्षा ग्रहण कर अपनी पढ़ाई अनवरत जारी रख सकें।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों को लगातार जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही इस आठ सप्ताह के कैलेंडर में यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि छात्रों को कम से कम समय कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बिताना पड़े। इस कैलेंडर के द्वारा सभी छात्र, जिनके पास इंटरनेट सुविधा है वो भी और जिनके पास नहीं है वो भी, शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस वैकल्पिक कैलेंडर में अध्यापकों के लिए ये दिशा-निर्देश भी हैं कि वो विद्यार्थियों को मोबाइल पर एसएमएस भेजकर या फ़ोन पर कॉल कर के उनका मार्गदर्शन करें। इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होने की स्थिति में अध्यापक, अभिभावक और बच्चे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर, टेलीग्राम, गूगल मेल और गूगल हैंगऑउट द्वारा एक दूसरे से जुड़ सकते हैं और पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
इस कैलेंडर में दिव्यांग बच्चों की जरूरतों का भी ध्यान रखा गया है। ऑडियो बुक्स, रेडियो कार्यक्रमों आदि के द्वारा छात्रों की जरूरतों को पूरा किया जायेगा। इस कैलेंडर को सप्ताहवार दिया गया है और इसमें पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक के अध्याय या विषय से संबंधित रुचिकर और चुनौतीपूर्ण गतिविधियां सम्मिलित हैं।
इस कैलेंडर की सबसे प्रमुख बात यह है कि इन गतिविधियों की मैपिंग छात्रों की सीखने के प्रतिफलों के साथ की गई है। इसके द्वारा अभिभावक और अध्यापक बच्चों की प्रगति पर भी नजर बनाए रखेंगे और पाठ्यपुस्तकों के अलावा भी बच्चों को नई चीज़ें सीखने के लिए प्रेरित करेंगे। इस कैलेंडर में अनुभव आधारित शिक्षा के लिए कला और शारीरिक शिक्षा के साथ-साथ योग भी शामिल किया गया है। तनाव और चिंता को दूर करने के तरीके भी इस कैलेंडर में सुझाये गए हैं।
फ़िलहाल, इस कैलेंडर में चार भाषाओँ के विषयों को शामिल किया गया है– संस्कृत, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी। इस वैकल्पिक कैलेंडर में ई-पाठशाला, एनआरओईआर और दीक्षा पोर्टल पर अध्यायवार उपलब्ध सामग्री को भी शामिल किया गया है। यह विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों और स्कूल के प्राचार्यों को सशक्त करेगा। ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग कर सकारात्मक तरीकों से कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने में तथा बच्चों को घर में ही उत्तम शिक्षा उपलब्ध करवाने में मदद करेगा।