नई दिल्ली, 27 अप्रैल (हि.स.)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को कहा कि देश में हालात सामान्य होने पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं की बची हुई 83 विषयों में से 29 विषयों की परीक्षा होगी।
केंद्रीय मंत्री निशंक सोमवार को अपने वेबिनार संवाद के माध्यम से कोरोना और लॉकडाउन के कारण बोर्ड परीक्षाओं के बाधित होने और छात्रों की पढ़ाई के नुकसान की भरपाई संबंधी अभिभावकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। निशंक अब राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। उसके बाद वह छात्रों से भी सोशल मीडिया के माध्यम से इसी प्रकार संवाद स्थापित करेंगे।
इस वेबिनार संवाद से जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक और गुवाहाटी से लेकर गुजरात तक लगभग 20 हजार अभिभावक जुड़े। निशंक ने बोर्ड परीक्षा के आयोजन को लेकर अनिश्चितताओं संबंधी अभिभावकों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हम सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की पूर्व में हो चुकी परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन का कार्य शुरू करने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा की बची हुई 83 विषयों की परीक्षाओं में से केवल आप 29 का ही आयोजन होगा इसके लिए छात्र तैयार रहें। शेष वैकल्पिक विषयों के अंक उनके इंटरनल असेसमेंट के आधार पर दिये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा जगत की बात करें तो इससे एक हजार विश्वविद्यालय, 45 हजार से अधिक डिग्री कॉलेज और 15 लाख से अधिक स्कूल हैं। इन संस्थानों में एक करोड़ से अधिक अध्यापक हैं और 33 करोड़ से अधिक विद्यार्थी हैं। निशंक के अनुसार, जितनी अमेरिका की कुल जनसंख्या नहीं है, उतने हमारे यहां विद्यार्थी हैं। उन्होनें कहा कि मंत्रालय को अपने छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों की चिंता है और इसी वजह से हमने पहले से चली आ रही विभिन्न योजनाओं को युद्ध स्तर पर लागू किया जिसका लाभ देश के 33 करोड़ छात्र कभी भी और कहीं से भी उठा सकते हैं।
निशंक ने अभिभावकों को विश्वास दिलाया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों की पढ़ाई और उनके भविष्य के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस दिशा में मंत्रालय दीक्षा, ई-पाठशाला, मुक्त शैक्षिक संसाधनों का राष्ट्रीय भंडार (एनआरओईआर), स्वयं, डीटीएच चैनल स्वयंप्रभा इत्यादि द्वारा सभी छात्रों की पढ़ाई अनवरत जारी रखने का प्रयास कर रहा है।
पोखरियाल ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा नीति को सुदृढ़ बनाने के लिए हमने भारत पढ़े ऑनलाइन अभियान की शुरुआत की है जिसमें देशभर से छात्रों, अभिभावकों और अध्यापकों से सुझाव मांगे गए थे। हमें 10 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए थे जिस पर मंत्रालय बहुत जल्द दिशा-निर्देश लेकर आएगा। केंद्रीय मंत्री ने विद्यादान 2.0 के बारे में अभिभावकों को बताते हुए कहा कि इस अभियान के तहत मंत्रालय ने देश के शिक्षाविदों और शैक्षणिक संगठनों से विभिन्न ई-लर्निंग प्लेटफार्म पर पाठ्यक्रम के अनुसार सामग्री विकसित करने और इसमें योगदान देने का आग्रह किया है। निशंक ने आगे कहा कि इस कार्यक्रम में अनेक शिक्षाविदों एवं शैक्षणिक ने अपनी रुचि दिखाई है और आशा जताई कि बहुत जल्द हमें इसके तहत काफी सारी पाठ्यसामग्री मिल जाएगी।
इस संवाद के दौरान डॉ निशंक ने अभिभावकों के सवालों के जवाब भी दिए। पटना से एक अभिभावक के एनसीआरईटी पुस्तकों की उपलब्धता के सवाल पर मंत्री ने कहा कि एनसीआरईटी ने लगभग सभी राज्यों में पुस्तकें भेज दी हैं और बहुत शीघ्र विद्यार्थियों को ये पुस्तकें उपलब्ध हो जाएंगी लॉक डाउन में विद्यार्थियों की शिक्षा का नुकसान कैसे कम किया जाए इस सवाल के जवाब में उन्होनें कहा कि मंत्रालय के विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से विद्यार्थियों की शिक्षा जारी है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय के केवल दीक्षा प्लेटफार्म पर ही 80 हजार से ज्यादा पाठ्यसामग्री उपलब्ध है और लॉकडाउन के समय में इसको लगभग 12 करोड़ बार इस्तेमाल किया गया है। एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लॉक डाउन के कारण शिक्षा का नुकसान ना हो इसके लिए एनसीआरईटी द्वारा वैकल्पिक कैलेंडर बनाया गया है और सीबीएसई को भी नया शैक्षणिक कैलेंडर जारी करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने विद्यार्थियों के करियर संबंधी, परीक्षा संबंधी और अन्य कई सवालों के जवाब दिए। उन्होनें इस वेबिनार में ये भी बताया कि मंत्रालय लगातार सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं शिक्षा सचिवों के साथ संपर्क में हैं और यह सुनिश्चित करने में लगा है कि इस मुश्किल घड़ी में भी छात्रों की पढाई जारी रहे। निशंक ने कहा कि अगले सप्ताह वह वेबिनार के माध्यम से विद्यार्थियों से जुड़ेंगे और उनसे संवाद स्थापित करेंगे।