निशंक और डॉ हर्षवर्धन ने कोविड-19 की दवा बनाने के लिए लॉन्च किया ‘ड्रग डिस्कवरी हैकाथॉन’
नई दिल्ली, 02 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने गुरुवार को संयुक्त रूप से कोविड-19 की दवा बनाने के लिए ‘ड्रग डिस्कवरी हैकाथॉन’ को लॉन्च किया। इसमें दुनियाभर के शोधकर्ता भाग ले सकेंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने इसे संयुक्त रूप में शुरू किया है। यह हैकाथॉन किसी दवा की खोज में हो रहे प्रयासों को संबल देने के लिए अपने आप में एक अनोखी राष्ट्रीय पहल है। इस पहल में कंप्यूटर विज्ञान, रसायन विज्ञान, फार्मेसी, चिकित्सा, और जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक्नोलॉजी) जैसे विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवर, शिक्षक, शोधकर्ता और छात्र भाग लेंगे।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि किसी दवा की खोज करना एक बेहद जटिल और महंगी प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया को कम समय में और कम लागत में पूरा करने के लिए कम्प्यूटेशनल ड्रग डिज़ाइन प्रक्रिया का उपयोग किया जा रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के पास विभिन्न हैकाथॉन आयोजित करने का काफी अनुभव है लेकिन यह पहली बार होगा कि हम हैकाथॉन मॉडल का उपयोग एक महाविनाशिकारी वैज्ञानिक चुनौती से निपटने के लिए कर रहे हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पहल दुनिया भर के शोधकर्ताओं के लिए है, क्योंकि हम अपने प्रयासों में अंतरराष्ट्रीय प्रतिभाओं को शामिल करने के लिए भी इच्छुक हैं।
इस हैकाथॉन को तीन ट्रैक्स में पूरा किया जायेगा। पहले ट्रैक में ड्रग डिज़ाइन के लिए कम्प्यूटेशनल मॉडल का इस्तेमाल किया जायेगा या मौजूदा डाटाबेस से ऐसे कंपाउंड की पहचान की जाएगी जो कि सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) को रोकने की क्षमता हो। दूसरे ट्रैक में प्रतिभागियों को डाटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग का उपयोग करके नए उपकरण और एल्गोरिदम विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा ताकि न्यूनतम विषाक्तता और अधिकतम विशिष्टता के साथ दवा जैसे कंपाउंड को ढूंढा जा सके। तीसरे ट्रैक में मून-शॉट दृष्टिकोण के द्वारा केवल नए और अनूठे विचारों को देखा व समझा जायेगा। यह हैकाथॉन सीडैक (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग), मायगव, श्रोडिंगर और केमाक्सोन द्वारा समर्थित है।
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे, प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो विजय राघवन, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो अनिल सहस्रबुद्धे, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ शेखर मंडे, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सचिव डॉ राजीव कुमार, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रो बी सुरेश और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुख्य नवाचार अधिकारी डॉ अभय जेरे भी मौजूद थे।