बजट में टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी से लेकर 80C के तहत मिलने वाली छूट की लिमिट बढ़ा सकती हैं सीतारमण
नई दिल्ली, 23 जून (हि.स.)। मोदी सरकार का पहला आम बजट 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेंगी। इससे पहले मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के अंतिम और 1 फरवरी को पेश किए गए अंतरिम बजट में करदाताओं (टैक्स पेयर्स) को बड़ी राहत दी थी। 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में जीतकर दोबारा सत्ता में आने के बाद से ही लोगों की उम्मीद सरकार से कुछ ज्यादा बढ़ गई है।
इसमें टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी और 80सी के तहत मिलने वाली छूट की लिमिट बढ़ाने तक हो सकते हैं कई बड़े ऐलान, जानिए एक्सपर्ट की क्या है इस पर राय। दरअसल मोदी सरकार का पहला पूर्ण बजट 5 जुलाई को संसद में पेश होगा। निर्मला सीतारमण बतौर वित्त मंत्री इसे संसद में पेश करेंगी। इस बार सरकार के सामने बजट में आर्थिक मोर्चे पर कई चुनौतियों से निपटने और लोगों की मांगों को पूरा करने का रास्ता भी तैयार करना है।
बजट पर जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय
इस बार लोगों की खासकर मध्यम वर्ग वेतनभोगी वर्ग को कुछ ज्यादा ही उम्मीद सरकार से है। सरकार से उम्मीदें यह लगाई जा रही है कि अंतरिम बजट की तरह ही पूर्ण बजट में आम करदाताओं को कई छूट मिल सकती है। इस मसले पर फाइनेंशियल एक्सपर्ट अमित रंजन से हमने बात की है। उन्होंने इस पर उन्होंने अपनी राय दी है।
80सी की लिमिट बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये से 3 लाख
ऐसी उम्मीद है कि इस बार सरकार सरकार बजट में 80सी की लिमिट को बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये से 3 लाख रुपये कर सकती है। बता दें कि इनकम टैक्स एक्ट के तहत सबसे ज्यादा लोग खासकर सैलरीड क्लास, सेक्शन 80सी के तहत निवेश करके ही टैक्स बचाते हैं।
ई-पेमेंट ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी
इस बार सरकार ई-पेमेंट ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम भी उठा सकती है। इसके तहत इनकम टैक्स और जीएसटी टैक्स देने वालों के लिए टैक्स में राहत दे सकती है। दूसरी ओर सरकार टैक्स की नकद पेमेंट को रोकने के लिए भी ठोस कदम उठा सकती है।
इनकम टैक्स स्लैब में बदलवा कर सकती है सरकार
अपने पहले कार्यकाल के अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने 5 लाख रुपये तक की इनकम पर फुल रिबेट देकर टैक्सपेयर्स को जिस तरह राहत दी थी। इस बार भी ऐसी उम्मीदें जताई जा रही हैं कि इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर सरकार सभी टैक्सपेयर्स को राहत दे सकती है। उम्मीद हैं कि सरकार 5 लाख रुपये तक टैक्सेबल इनकम की लिमिट को बढ़ा सकती है।
इसके साथ ही सरकार 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक के टैक्स ब्रैकेट पर 5 फीसदी, 7.5 लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक के टैक्स बैकेट पर 20 फीसदी और 12 लाख रुपये से ज्यादा की टैक्सेबल राशि पर 30 फीसदी तक टैक्स लगा सकती है। गौरतलब है कि 10 लाख रुपये पर 30 फीसदी का जो टैक्स स्लैब है। वह साल 2012 के बजट से नहीं बदला है।
पहली बार घर खरीदने वाले को मिल सकती है राहत
मोदी सरकार के लिए इस बार सबसे बड़ा गेम प्लान होगा ‘हाउसिंग फॉर आल’ सपने को पूरा करना। प्रधानमंत्री आवास योजना को आगे ले जाते हुए इस बार पहली बार घर खरीदने वालों को टैक्स में कई राहत मिलने की उम्मीद है। इससे पहले मोदी सरकार ने क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) की आखिरी तारीख को 31 मार्च, 2020 तक बढ़ा दी थी, जिसे और आगे बढ़ाए जाने की उम्मीद है।