वित्त मंत्री ने बताई बही-खाते की कहानी, मामी ने दिया था बनाकर: सीतारमण
नई दिल्ली, 06 जुलाई (हि.स.)। अंग्रेजों की परंपरा तोड़कर बही-खाता लेकर अपना पहला आम बजट पेश करने संसद पहुंची वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी का ध्यान खींचा। इस बात का खुलासा वित्त मंत्री ने शनिवार को किया। उन्होंने बताया कि उनकी मामी ने उन्हें ये बस्ता बनाकर दिया था।
सीतारमण ने अपना पहला बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं के सवालों के जवाब में बताया कि ‘सूटकेस और ब्रीफकेस मुझे पसंद नहीं आता। ये अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है, जो कि हमें यह पसंद नहीं। फिर मेरी मामी ने मुझे लाल कपड़े का बस्ता बनाकर मुझे दिया। सीतारमण ने कहा कि उन्होंने पूजा-अर्चना करने के बाद मुझे यह लाल बस्ता दिया। यह घर का थैला नहीं लगे इसलिए सरकारी पहचान देने के लिए उस पर अशोक स्तंभ का चिन्ह लगाया गया।’
वित्त मंत्री ने कहा कि देश में हर क्षेत्र में अपनी परंपराएं हैं। दिवाली के अवसर पर लक्ष्मी पूजन हो या घर अथवा दुकान के नए बही-खातों की शुरुआत का अवसर, उसका कवर लाल होता है। बही-खातों को लाल कपड़े में लपेटा जाता है। उस पर कुमकुम, हल्दी और चंदन लगाकर शुभ-लाभ लिखकर शुरुआत की जाती है।
सीतारमण ने कहा कि मैं भी यही सोचकर लाल कवर लेकर आई और उसमें बजट लेकर जाने की बात कही। लेकिन मुझे घर में कहा गया कि यह गिर सकता है, बजट के दस्तावेज संसद ले जाते समय गिर सकते हैं। तब मामी ने लाल कपड़े का लिफाफेनुमा बस्ता बनाकर दिया। उन्होंने उसे खुद अपने हाथ से सिला।’
वित्त मंत्री से जब यह सवाल पूछा गया कि उनके बस्ते को बही खाता नाम किसने दिया। इस पर सीतारमण ने कहा कि यह नाम उन्होंने नहीं दिया। यह नाम जनता में से ही कहीं से आया। प्रधानमंत्री की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पीएम की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी।