नई दिल्ली, 09 दिसम्बर (हि.स.)। निर्भया रेप-मर्डर केस के चारों दोषियों की दया याचिका सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी। अब चारों को तिहाड़ जेल में ही 16 दिसम्बर की सुबह 5 बजे फांसी दी जाएगी। सन 2012 के दिसम्बर की यह वही तारीख है जिस दिन इन चारों दरिंदों ने निर्भया के साथ वारदात को अंजाम दिया था।
दिल्ली के चर्चित निर्भया रेप-मर्डर केस के चारों दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से सजा सुनाई जा चुकी है। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को निर्भया रेप केस के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका की फाइल राष्ट्रपति के समक्ष भेजकर दया याचिका को खारिज करने की भी सिफारिश की थी। इसके बाद इनमें से एक विनय शर्मा ने गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति को भेजी गई अपनी दया याचिका वापस लेने की मांग की थी। उसका दावा है कि गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति को भेजी गई दया याचिका की फाइल पर उसके हस्ताक्षर नहीं है। आज राष्ट्रपति ने यह दया याचिका करके चारों दोषियों की फांसी पर मुहर लगा दी। इसलिए अब निर्भया कांड के चारों दोषियों को 16 दिसम्बर की सुबह 5 बजे फांसी दी जाएगी।
गौरतलब है कि निर्भया सामूहिक बलात्कार की घटना 16 दिसम्बर 2012 को हुई थी। चोटों के चलते बाद में उसकी मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पूरे देश भर में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। निर्भया मामले में दया याचिका खारिज किए जाने का कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जब हैदराबाद में 25 वर्षीय एक पशु चिकित्सिक से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या को लेकर राष्ट्रव्यापी रोष है। इस मामले के आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद पूरे देश में जघन्य रेप अपराध के मामलों में सख्त कानून और सजा को लेकर मांग हो रही है। संसद में भी यह मामला जोर-शोर से उठा है।