नई दिल्ली, 13 दिसम्बर (हि.स.)। तिहाड़ कांड के दोषियों को फांसी दिए जाने की तारीख बेशक अभी तय नहीं हुई है लेकिन जेल प्रशासन ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए फांसी की चार तख्ती तैयार की गई है। अहम बात यह है कि इन तख्तियों पर फांसी का ट्रायल भी कर लिया गया है। इसके लिए तिहाड़ के पास पहले से मौजूद रस्सी का इस्तेमाल किया गया, जबकि दोषियों के वजन से थोड़ा ज्यादा वजन का बालू वाला बोरा तैयार किया गया। इसके बाद इसका ट्रालय किया गया।
डीजी तिहाड़ संदीप गोयल का कहना है कि तैयारी की जो भी प्रक्रिया है, उसे बारी बारी से पूरा किया जा रहा है ताकि तारीख तय होते ही उसे आसानी से अंजाम दिया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रायल के लिए तिहाड़ के पास मौजूद जो भी संसाधन थे, उसका इस्तेमाल किया गया। दोषियों को फांसी दिए जाने के लिए बक्सर जेल से जो रस्सी मंगाई थी, वह भी बुधवार देर रात हमारे पास पहुंच गई है। इतना ही नहीं जल्लाद भी फाइनल किया जा चुका है। यह पूछे जाने पर कि क्या चार तख्ती के लिए दो जल्लाद की जरूरत होगी तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। हमने दो जगहों पर जल्लाद के लिए बात जरूर की है लेकिन फांसी संभवत: एक ही जल्लाद से दिलवाएंगे।
जेल मैनुअल के हिसाब से तैयारी
डीजी तिहाड़ ने कहा कि फांसी के पहले तैयारियों को लेकर जो भी जेल मैनुअल कहता है उसके हिसाब से पूरी तैयारी की जा रही है। जैसे चारों दोषियों के हर 24 घंटे के अंतराल पर रूटीन हेल्थ चेकअप कराए जा रहे हैं। इन पर पूरी निगरानी रखी जा रही है। इनके व्यवहार, बातचीत और सोचने-समझने के तौर-तरीकों की गंभीरता से मॉनिटरिंग की जा रही है। खासतौर से हम स्वास्थ्य को लेकर किए जाने वाले पूरी एहतियात बरत रहे हैं। दरअसल तिहाड़ प्रशासन अपने स्तर पर परिसर में जांच कराता है। इसके अलावा बाहर भी सरकारी अस्पताल में जांच कराता है।
इतना ही नहीं दोषियों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी पूरी नजर रखी जा रही है। एहतियातन इन्हें छह सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है। साथी ही इनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। इनकी किसके साथ ज्यादा बातचीत हो रही है और क्या बात हो रही है, इसपर पूरी नजर है।
16 हाई रिस्क सेल से लगी है फांसी कोठी
तिहाड़ के जिस जेल नंबर-तीन में फांसी दिए जाने की तैयारी की जा रही है, वहां संसद हमले के दोषी आतंकवादी अफजल को भी रखा गया था। फांसी कोठी से लगते हुए ही 16 हाई रिस्क सेल है। इन्हीं में से एक में अफजल को रखा गया था। इसी से लगती करीब 50 स्कवॉयर मीटर जगह में फांसी कोठी बनाई गई है। इसके गेट पर हरदम ताला लगा रहता है। फांसी कोठी के गेट से अंदर घुसते ही बाईं तरफ फांसी का तख्ता है। इसमें फांसी देने वाले प्लेटफॉर्म के नीचे एक बेसमेंट बनाया गया है। बेसमेंट में जाने के लिए करीब 20 सीढ़ियां हैं। जिनसे नीचे उतरकर फांसी पर लटकाए गए कैदी को बाहर निकाला जाता है।
इससे पहले अफजल गुरु को दी गई थी फांसी
तिहाड़ में इससे पहले संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी। अफजल को फांसी पर चढ़ाने से पहले जेल की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। अफजल की फांसी में जेल के ही एक कर्मचारी ने फंदा खींचने के लिए सहमति दी थी। वहीं मंडोली से एक दोषी विनय शर्मा को तिहाड़ शिफ्ट किया गया है। जबकि तीन दोषी मुकेश, पवन और अक्षय पहले से ही तिहाड़ में बंद हैं। निर्भया से दुष्कर्म और हत्या के जुर्म में मौत की सजा पाए तिहाड़ में बंद दोषियों की दया याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है।