पटना, 29 जून (हि.स.) । बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन करने वाले सभी नौ उम्मीदवारों को सोमवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। निर्वाची पदाधिकारी और बिहार विधानसभा के सचिव बटेश्वर नाथ पांडेय ने सभी नौ उम्मीदवारों को सोमवार को जीत का प्रमाणपत्र सौंपा । बता दें कि इन नौ सीटों के लिए आगामी 6 जुलाई को वोटिंग होने वाली थी लेकिन नौ से ज्यादा प्रत्याशियों के नामांकन नहीं होने से बिना मतदान के ही सभी नौ प्रत्याशी विजयी घोषित कर दिए गए। दरअसल, खाली हुई नौ सीटों के लिए नौ उम्मीदवारों ने ही नामांकन किया था।
बिहार विधान परिषद के लिए बीते गुरुवार को एनडीए के पांचों प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किये थे। बिहार विधानसभा के सचिव तथा इस चुनाव के निर्वाचन पदाधिकारी बटेश्वर नाथ पांडेय ने सोमवार को भाजपा प्रत्याशी संजय प्रकाश उर्फ संजय मयूख, सम्राट चौधरी और जयदू की ओर से प्रो. गुलाम गौस, कुमुद वर्मा और भीष्म साहनी को जीत का प्रमाणपत्र सौंपा । इसी तरह राजद के मोहम्मद फारुख, सुनील कुमार सिंह और प्रो. रामबली सिंह को विजेता घोषित किया गया है। कांग्रेस के इकलौते प्रत्याशी समीर कुमार सिंह भी निर्वाचित हुए हैं। उल्लेखनीय है कि नौ सीटों के लिए चुनाव में जदयू की तरफ से तीन उम्मीदवार थे जबकि राजद के खाते में भी तीन सीटें गई थीं । भाजपा ने अपनी दो सीटों पर दो उम्मीदवार उतारे थे। वहीं कांग्रेस के खाते में एक सीट गई है।
विधान परिषद की इन सीटों पर चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 25 जून थी। 26 जून को नामांकन पत्रों की जांच की गई थी। इस पूरे चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवारी सबसे ज्यादा चर्चा में रही। कांग्रेस ने पहले तारिक अनवर को विधान परिषद का उम्मीदवार बनाया था लेकिन बिहार के वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं होने के कारण तकनीकी वजहों से उनका नाम नामांकन से ठीक पहले कट गया। तारिक अनवर की जगह कांग्रेस ने बिहार के कार्यकारी अध्यक्ष समीर सिंह को मौका दिया लेकिन समीर सिंह के नामांकन पत्र में भी कई चीजों को लेकर जदयू की तरफ से आपत्ति दर्ज कराई गई। हालांकि बाद में निर्वाचन आयोग ने उनके नामांकन को सही पाया।