खूंटी, 25 फरवरी (हि.स.)। खूंटी के विधायक और राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा पिछले 23 वर्षों से खूंटी विधानसभा क्षेत्र में एकछत्र राज्य कर रहे हैं। हर विधानसभा चुनाव में उनका वोट प्रतिशत बढ़ता ही रहा है। पहली बार नीलकंठ सिंह मुंडा 1999 में बिहार विधानसभा के लिए खूंटी से चुने गये। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। झारखंड विधानसभा के लिए 2004, 2009 और 2019 के चुनाव में वे लगातार अपने विरोधियों को पटखनी देते आये। मुंडा सरकार में ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य, पंचायती राज, परिवहन सहित कई विभागों में मंत्री का दायित्व निभा चुके हैं। नीलकंठ सिंह मुंडा के विरोधी भी स्वीकार करते हैं कि इतने वर्षों तक जन प्रतिनिधि होने के बाद भी अब तक वे बेदाग हैं। इतना ही नहीं, अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास में भी उन्होंने कोई कोताही नहीं की। विधायक के प्रतिनिधि और भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष काशीनाथ महतो बताते हैं कि आज खूंटी विधानसभा क्षेत्र का कोई ऐसा गांव या टोला नहीं है, जहां बिजली, सड़क, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध न हों।
कुछ तो खास है नीलकंठ में
लगातार किसी विधानसभा सीट से लगातार चार बार चुनाव जीतना और हर बार मतों का बढ़ना नीलकंठ सिंह मुंडा की लोकप्रियता को दिखाता है। चुनाव में नीलकंठ के सामने जो भी उम्मीदवार आया, मैदान में टिक नहीं सका। उन्होंने कांग्रेस, झामुमो, झारखंड पार्टी सभी दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को परास्त किया है। बता दें कि नीलंकठ सिंह मुुंडा अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में नीलू के नाम पर जाने जाते हैं। नीलकंठ सिंह मुंडा को राजनीति सीखने में अधिक समय नहीं लगा, क्योंकि उनका परिवार ही शुरू से राजनीति में रहा है। उनके पिता टी मुचीराय मुंडा कई बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने और बिहार सरकार में मंत्री भी रहे। उनके बड़े भाई काली चरण मुंडा भी दो बार तमाड़ से विधायक रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में काली चरण मुंडा बहुत कम मतों से अर्जुन मुंडा से परास्त हुए थे। कहा जाता है न कि मछली के बच्चे को तैरने के लिए सिखाना नहीं पड़ता। विधायक बनते ही उन्होंने जनता का नब्ज टटोला और अपना पूरा ध्यान क्षेत्र के विकास उनसे जनसंपर्क बनाने में लगा दिया। इतना ही नहीं, कही भी अपने मतदाताओं से खुलकर मिलना और उनकी बातों को ध्यान से सुनना उनकी खूबी है, जो बुलाया वहां पहुंच गये। मौका लगा तो जमीन पर बैठकर ग्रामीणों के साथ भोजन भी कर लिया और मांदर की थाप पर गांव वालों के साथ थिरक भी लिये। यही बेतकल्लुफी उनकी लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण है। एक दिन पूर्व ही बात करें, विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा कर्रा प्रखंड के भाजपा कार्यकर्ता तेंबा उरांव की बेटी की शादी में शामिल होने बिरदा पहुंच गये। वहां उन्होंने गांव वालों के साथ भोजन किया और लगे हाथों ग्रामीणों की समस्याओं से रू ब रू भी हो गये।
विधायक के बिरदा पहुंचते ही सैकड़ों महिला-पुरुष वहां पहुंच गये और विधायक को अपनी समस्याएं सुनायीं। विधायक ने तुरंत फोन से बीडीओ और अन्य अधिकारियों को समस्याओं का समाधान करने निर्देश दिया। मौके पर विधायक मुडा ने कहा कि जनता ने पिछले 20-25 वर्षों से जो विश्वास मुझपर जताया है, उसे कभी टूटने नहीं दूंगा।