तारीखों के आईने में निर्भया के गुनहगार

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नई दिल्ली, 20 मार्च (हि.स.)। सात साल पहले पूरे देश को दहला देने वाले निर्भया कांड के चारों गुनहगारों को आखिरकार सजा मिल गई।
आइए एक नजर डालते हैं पूरे घटनाक्रम पर-
16 दिसम्बर 2012- पैरामेडिकल छात्रा के साथ उस रात छह लोगों ने एक निजी बस में गैंगरेप किया और उसके साथ अमानवीय कृत्य कर चलती बस से फेंक दिया। उसके बाद पीड़ित युवती को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ित अपने दोस्त के साथ बस में जा रही थी।
17 दिसम्बर 2012- इस घटना के खिलाफ व्यापक जनाक्रोश उभरा। पुलिस ने अभियुक्तों की पहचान बस चालक राम सिंह, उसके भाई मुकेश, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता के रूप में की।
18 दिसम्बर 2012- राम सिंह और तीन अन्य को गिरफ्तार किया गया।
20 दिसम्बर 2012- पुलिस ने निर्भया के दोस्त का बयान दर्ज किया।
21 दिसम्बर 2012- इस घटना के एक नाबालिग अभियुक्त को दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन से गिऱफ्तार किया गया। निर्भया के दोस्त ने मुकेश की पहचान की।
21-22 दिसम्बर 2012- पुलिस ने इस मामले के छठे अभियुक्त अक्षय ठाकुर को बिहार के औरंगाबाद से गिरफ्तार किया।
25 दिसम्बर 2012- पीड़ित की हालत खराब हो गई।
26 दिसम्बर 2012- पीड़ित को हार्ट अटैक हुआ जिसके बाद उसे एयर एंबुलेंस के जरिये सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया।
29 दिसम्बर 2012- पीड़ित युवती की सिंगापुर में इलाज के दौरान मौत। पुलिस ने एफआईआर में हत्या की धारा भी जोड़ी।
03 जनवरी 2013- दिल्ली पुलिस ने पांच आरोपितों के खिलाफ साकेत कोर्ट में हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण, अप्राकृतिक कृत्य और डकैती का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल की।
05 जनवरी 2013- साकेत कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया।
07 जनवरी 2013- कोर्ट ने इन-कैमरा सुनवाई का आदेश दिया।
17 जनवरी 2013- कोर्ट ने ट्रायल शुरू किया।
28 जनवरी 2013- जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने एक अभियुक्त को नाबालिग घोषित किया।
02 फरवरी 2013 – कोर्ट ने पांच अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय किये।
11 मार्च 2013- राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी की।
22 मार्च 2013- दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल मीडिया को ट्रायल कोर्ट की रिपोर्टिंग करने की अनुमति दी।
08 जुलाई 2013- कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के सभी गवाहों के बयान दर्ज किए।
22 अगस्त 2013- कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुननी शुरू की।
31 अगस्त 2013- जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग अभियुक्त को गैंगरेप और हत्या का दोषी पाते हुए तीन साल की सजा दी।
03 सितम्बर 2013- साकेत कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा।
10 सितम्बर 2013- कोर्ट ने चारों अभियुक्तों को दोषी करार दिया।
13 सितम्बर 2013- कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई।
23 सितम्बर 2013- हाईकोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा पर सुनवाई शुरू की।
03 जनवरी 2014- हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा।
13 मार्च 2014- हाईकोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा पर मुहर लगाई।
15 मार्च 2014- सुप्रीम कोर्ट ने अभियुक्तों की फांसी की सजा पर रोक लगाई।
27 मार्च 2017- सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा।
05 मई 2017- सुप्रीम कोर्ट ने चारो की फांसी की सजा पर मुहर लगाई।
08 नवम्बर 2017- अभियुक्त विनय शर्मा और पवन गुप्ता ने रिव्यू पिटीशन दाखिल की।
04 मई 2018- सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पिटीशन पर फैसला सुरक्षित रखा।
09 जुलाई 2018- सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पिटीशन खारिज की।
14 फरवरी 2019- निर्भया के माता-पिता ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर दोषियों को जल्द डेथ वारंट जारी करने की मांग की।
10 दिसम्बर 2019- एक दोषी अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की।
18 दिसम्बर 2019- सुप्रीम कोर्ट ने अक्षय की रिव्यू पिटीशन खारिज की।
19 दिसम्बर 2019- दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी पवन गुप्ता की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने घटना के वक्त खुद को नाबालिग होने का लाभ देने की मांग की थी।
6 जनवरी 2020- पटियाला हाउस कोर्ट ने पवन गुप्ता के पिता की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उसने एकमात्र चश्मदीद गवाह (निर्भया के दोस्त) पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।
7 जनवरी 2020– पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया। कोर्ट ने 22 जनवरी की सुबह 7 बजे चारों को फांसी देने का आदेश दिया।
17 जनवरी 2020- पटियाला हाउस कोर्ट ने दूसरा डेथ वारंट किया। कोर्ट ने 1 फरवरी की सुबह साढ़े छह बजे फांसी देने का आदेश दिया।
31 जनवरी 2020- पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों की याचिका पर 1 फरवरी के डेथ वारंट पर रोक लगा दी क्योंकि विनय की राष्ट्रपति के यहां दया याचिका लंबित थी।
1 फरवरी 2020- केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की मांग की।

5 फरवरी 2020- हाईकोर्ट ने केंद्र की याचिका खारिज करते हुए कहा कि निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती है।

6 फरवरी 2020- तिहाड़ जेल प्रशासन ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने की मांग की।
7 फरवरी 2020- डेथ वांरट जारी करने से पटियाला हाउस कोर्ट ने इनकार कर दिया।
11 फरवरी 2020- सुप्रीम कोर्ट ने डेथ वारंट जारी करने के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की अनुमति दी।
11 फरवरी 2020- निर्भया के माता-पिता और केंद्र सरकार ने पटियाला हाउस कोर्ट में दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने के लिए याचिका दायर की।
13 फरवरी 2020- पटियाला हाउस कोर्ट डेथ वारंट जारी नहीं कर सका।
17 फरवरी 2020- पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करके 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश दिया।
28 फरवरी 2020- पवन ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की।
29 फरवरी 2020- दो दोषियों ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर 3 मार्च के डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की।
2 मार्च 2020- सुप्रीम कोर्ट ने पवन की क्यूरेटिव याचिका खारिज की।
2 मार्च 2020- पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के दोषियों की 3 मार्च को फांसी देने के आदेश पर रोक लगा दी। पवन की राष्ट्रपति के यहां दया याचिका लंबित होने की वजह से फांसी की सजा पर रोक लगाई।
4 मार्च 2020- नया डेथ वारंट जारी करने के लिए दिल्ली सरकार ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की।
5 मार्च 2020- दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया। चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने का आदेश दिया।
6 मार्च 2020- मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि उसकी पूर्व वकील वृंदा ग्रोवर ने उस पर दबाव डाल कर क्यूरेटिव याचिका दाखिल करवाई।
9 मार्च 2020- विनय शर्मा ने दिल्ली के उप-राज्यपाल के समक्ष अर्जी दाखिल कर फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की।
11 मार्च 2020- पवन ने दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में याचिका दायर कर मंडोली जेल के दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
16 मार्च 2020- सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश की याचिका खारिज कर दी।

17 मार्च 2020- मुकेश ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वो घटना वाले दिन दिल्ली में नहीं था।

17 मार्च 2020- पवन गुप्ता ने फांसी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में नई क्यूरेटिव याचिका दाखिल की।
17 मार्च 2020- अक्षय ने राष्ट्रपति के पास दूसरी दया याचिका दायर की।
18 मार्च 2020- मुकेश ने ट्रायल कोर्ट की ओर से फांसी की सजा रद्द किए जाने की मांग को खारिज किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की।
18 मार्च 2020- दोषियों विनय, अक्षय औऱ पवन ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर 20 मार्च के डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की।
19 मार्च 2020- कोर्ट ने दोषी पवन गुप्ता की नई क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी।
19 मार्च 2020- सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी अक्षय की राष्ट्रपति की ओर से दूसरी दया याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ दायर याचिका भी खारिज कर दी।
19 मार्च 2020- पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया मामले के दोषियों की डेथ वारंट पर रोक करने वाली याचिका खारिज करके फांंसी की सारी अड़चनें दूर कर दीं।
19 मार्च 2020- देर रात दोषी विनय, अक्षय औऱ पवन ने दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के डेथ वारंट पर रोक लगाने के आदेश को चुनौती दी। जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने रात में करीब सवा घंटे की सुनवाई के बाद याचिका खारिज करके फांसी देने पर मुहर लगा दी।
20 मार्च 2020- आधी रात को गैंगरेप के दोषियों के वकील एपी सिंह, सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के घर पहुंचे और दिल्ली हाईकोर्ट के आखिरी फैसले को चुनौती देकर फांसी की सजा रोकने की गुहार लगाई।
 
20 मार्च 2020– सुप्रीम कोर्ट ने भी आधी रात को हुई सुनवाई में दोषी पवन की याचिका को ख़ारिज कर दी।

 


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