नई दिल्ली, 09 मार्च (हि.स.)। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके से गिरफ्तार किये गए कट्टरपंथी संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य से कई सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश कर रही है, इसीलिए उसे पुलिस ने चार दिन के लिए रिमांड पर लिया है। दिल्ली में हो रहे विरोध प्रदर्शन में पहले ही पीएफआई द्वारा फंडिंग की बात सामने आ चुकी है। इसलिए दिल्ली में हो रहे सीएए विरोधी प्रदर्शनों की फंडिंग पर भी जांच केन्द्रित होगी।
त्रिलोकपुरी इलाके के निवासी मोहम्मद दानिश अली पर राजधानी में नागरिकता कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान नफरत फैलाने और गलत प्रचार करने का आरोप है। इस बीच दिल्ली में हुए दंगों में पीएफआई की भूमिका को ध्यान में रखते हुए दानिश से पूछताछ करने के लिए स्पेशल सेल के साथ एनआईए की टीम भी लोधी रोड स्थित ऑफिस पहुंची है। शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के विरोध में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान यह बात पहले भी सामने आ चुकी है कि कट्टरपंथी संगठन पीएफआई प्रदर्शनों की फंडिंग कर रहा है। इसके लिए पीएफआई की तरफ से करोड़ों रुपये का फंड जारी किया गया और 70 से ज्यादा बैंक खातों के माध्यम से दिल्ली के कई बड़े नेताओं के जरिए फंडिंग की गई। अब दानिश की गिरफ्तारी के बाद पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या पीएफआई द्वारा प्रदर्शनों की फंडिंग की गई थी और अगर फंडिंग की गई थी तो किन लोगों की मदद ली गई थी। ऐसे में आने वाले दिनों में कुछ बड़े नामों का खुलासा होने की संभावना है।
टेक्निकल सर्विलांस के जरिए पकड़ा गया दानिश
पिछले माह नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों के दौरान दंगाईयों ने जमकर हंगामा करते हुए, तोड़-फोड़, आगजनी और हत्याएं की थीं। इसकी जांच के दौरान पुलिस को पता चला था कि दंगों के पीछे भी पीएफआई संगठन का हाथ है और उसका दानिश नामक सदस्य इसके पीछा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पुलिस ने उसकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की और टेक्निकल सर्विलांस के जरिए ट्रेस कर उसे हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने पीएफआई का सदस्य होने की बात कबूल करते हुए बताया कि वह करीब एक साल से इस संगठन से जुड़ा हुआ। वह शाहीनबाग इलाके में हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान भी वहां काफी सक्रिय था और वहां प्रदर्शनकारियों के बीच खाना सप्लाई करने का काम भी कर रहा था।
समाज के लिए काम कर रहा है बेटा
पकड़े गए पीएफआई सदस्य दानिश की मां ने कहा कि उसका बेटा समाज के लिए काम कर रहा था। वह भले ही पीएफआई से जुड़ा हो लेकिन वह कोई गलत काम नहीं कर रहा था। वह प्रदर्शनकारियों के लिए खाना पहुंचाता था और उनका समर्थन कर रहा था। वह चांदबाग इलाके में हुए दंगों में सक्रिय नहीं था और वहां नहीं गया था। वह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित एक संस्थान से एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है। इसके अलावा उसका मोबाइल का काम था।
शाहीन बाग में कम हो रहे प्रदर्शनकारी
शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों में पिछले कुछ समय से लगातार प्रदर्शनकारियों की संख्या कम होती जा रही है। प्रदर्शनकारी मोदी सरकार से सीएए को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। प्रदर्शनकारियों की संख्या कम होता देख प्रदर्शन कर रहे लोगों का मनोबल भी टूटता जा रहा है। उधर, सरकार ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए साफ कर दिया है कि सीएए को वापस नहींं लिया जाएगा। इस नए कानून के बारे में जिन्हें कोई शंका है तो वे बातचीत करके अपनी शंका का समाधान कर सकते हैं।