एनआईए को केरल सोने की तस्करी मामले में आतंकियों से जुड़े होने पर संदेह है। एजेंसी यह जांच कर रही है कि क्या इस तस्करी से कमाई गई धनराशि को आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाना था। वहीं एनआईए के अधिकारी स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर को सबूत संग्रह के लिए तिरुवनंतपुरम में उनके निवास स्थान पर ले गए हैं।
स्वप्ना सुरेश इस मामले की मुख्य आरोपित हैं। यूएई वाणिज्य दूतावास के एक पूर्व कर्मचारी, स्वप्ना सुरेश को एक निजी फर्म द्वारा केरल के आईटी विभाग के प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए काम पर रखा गया था। यह विभाग मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के तहत काम करता है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एम शिवशंकर इस विभाग के प्रमुख थे। अब तक की जांच से पता चला है कि स्वप्ना सुरेश का केरल के शक्तिशाली लोगों से संपर्क था और सोने की तस्करी के मौजूदा मामले में उनके पास कई फोन आए। उसके कॉल डेटा रिकॉर्ड्स से पता चलता है कि उसने यूएई के वाणिज्य दूतावास से 138 बार बात की। वहीं एक अन्य प्रमुख आरोपित पीएस सारिथ से 45 बार और यूएई के एक राजनयिक शख्स से 28 बार बातचीत की गई थी।
यूएई वाणिज्य दूतावास में तैनात एक गनमैन जयघोष का बयान शनिवार को तिरुवनंतपुरम में एक न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किया गया है। इस गनमैन द्वारा कथित रूप से केरल सोने की तस्करी के मामले में अभियुक्तों की धमकी के बाद आत्महत्या करने का प्रयास किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक अस्पताल में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत प्रक्रिया के अनुसार जयघोष के बयान को दर्ज किया, जहां उसे शुक्रवार को आत्महत्या करने का प्रयास करने के बाद भर्ती कराया गया था।
उल्लेखनीय है कि केरल में 30 किलोग्राम से अधिक सोना जब्त किया गया था। इसकी कीमत करीब 15 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह पूरा मामला केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में यूएई के पता वाले डिप्लोमैटिक कार्गो से 30 किलो सोना चुराने का है। दावा किया गया था कि कार्गो के संबंध में स्वप्ना सुरेश ने एयरपोर्ट के अधिकारी से संपर्क साधा था। यूएई वाणिज्य दूतावास जनरल ऑफिस के उच्च कूटनीतिज्ञ राशिद खामिस अल शामली के कहने पर कथित तौर पर संपर्क किया गया था।
केंद्र सरकार ने मामले की जांच एनआईए को सौंप दी है। एजेंसी ने स्वप्ना सुरेश, फाजिल फरीद और संदीप नायर को इस मामले में आरोपित बनाया है। तीनों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। एनआईए का कहना है कि देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सोना तस्करी की जा रही थी। इसमें कई बड़े नाम भी शामिल बताए जा रहे हैं। उसी आधार पर एनआईए ने इंटरपोल से आरोपित फैसल फरीद के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है। इससे पहले, कोच्चि की एक विशेष एनआईए अदालत द्वारा फरीद के खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। इससे पहले एनआईए ने विशेष अदालत को सूचित किया था कि वे वारंट को इंटरपोल को सौंप देंगे, क्योंकि फैसल फरीद के दुबई में होने का संदेह है। एनआईए का कहना है कि फरीद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दूतावास को अपराध कराने में शामिल था।