विदेशी मौलवियों से एनआईए और सीबीआई ने शुरू की पूछताछ

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रांची, 29 मार्च (हि.स.)। राजधानी रांची के तमाड़ से पिछले दिनों संदेह के आधार पर पकड़कर मुसाबनी स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र मेंं क्वारंटाइन के लिए भेजे गए 11 विदेशी मुसलमानों से अब केंद्रीय जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। अब तक की पूछताछ में उनकी गतिविधि संदिग्ध नहीं मिली है। उनसे पूर्व में झारखंड पुलिस की सीआईडी और विशेष शाखा की टीम भी पूछताछ कर चुकी है।
ग्रामीण एसपी ऋषभ झा ने बताया कि सभी 11 मौलवियों को संदिग्ध मानते हुए जांच एजेंसियां उनकी कुंडली खंगाल रही हैंं। सभी के दस्तावेज चेक किए जा रहे हैं। मुस्लिम कल्चर पर स्टडी के लिए भारत आने की जानकारी फिलहाल मौलवियों ने दी है। सभी के पासपोर्ट और वीजा जब्त किए गए है। सभी मौलवी पिछले डेढ़ महीने से भारत में हैंं और यह सभी खुद को धर्म प्रचारक बता रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर सभी विदेशी मुसलमानों को क्वारंटाइन में रखा गया था। इनकी जांच रिपोर्ट भी पुलिस को मिली है और सभी नेगेटिव मिले हैं। पूछताछ में सभी विदेशी मुसलमानों ने बताया है कि उन्हें सरायकेला जिले के कपाली में एक कार्यक्रम में शामिल होना था लेकिन उनका कार्यक्रम नहीं हो सका। वे धर्म प्रचार के सिलसिले में दिल्ली से 19 मार्च को रांची पहुंचे थे। इनमें चीन के तीन और कजाकिस्तान के 9 लोग शामिल हैं। उनके पास पासपोर्ट एवं वीजा भी था। इन 11 विदेशी मौलवियों में गुल मुद्दीन, शाकिर, जाकिर, रुस्तम वेग, इस्माइल एवं अन्य शामिल हैं। अपने को इस्लामिक स्कॉलर बताने वाले सारे लोग 19 मार्च को दिल्ली के रास्ते झारखंड में दाखिल हुए थे। बताया गया है कि यह सभी मौलवी कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित चीन, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान के नागरिक हैं। तमाड़ रड़गांव के एक मस्जिद में ठहरे होने की सूचना पर पुलिस ने सभी को पकड़ा और उनकी स्वास्थ्य जांच कराई। इसके बाद क्वारंटाइन के लिए मुसाबनी भेज दिया गया। सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने सभी से पूछताछ की है।

 


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