नई दिल्ली, 23 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता दंपत्ति आनंद ग्रोवर और इंदिरा जयसिंह के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को आपराधिक मामला दर्ज कराये जाने के संबंध में नोटिस जारी किया है।
आयोग ने सीबीआई से कहा है कि वह इन अधिवक्ताओं के गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के खिलाफ दर्ज मामले में अब तक हुई जांच का ब्योरा चार सप्ताह के अंदर दे।
उल्लेखनीय है कि ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के खिलाफ सीबीआई ने गत 13 जून को विदेशी चंदा नियमन कानून, भ्रष्टाचार निरोधक कानून और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न धाराओं के अंतर्गत आपराधिक मामला दर्ज किया है। इस एनजीओ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक अन्य एनजीओ ‘लॉयर्स वॉयस’ ने जनहित याचिका भी दायर कर रखी है।
मानवाधिकार आयोग को दो सामाजिक कार्यकर्ताओं हेनरी टीफंगे और माजा दारुवाला की ओर से शिकायत मिली थी कि सरकारी एजेंसियां इन अधिवक्ताओं के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण और उत्पीड़न की कार्रवाई कर रही है।.आयोग ने कहा कि आमतौर पर विदेशी चंदा उल्लंघन और इस संबंध में सरकार की कार्रवाई के मामले उसके कार्यक्षेत्र में नहीं आते फिर भी वह भेदभावपूर्ण और एकतरफा कार्रवाई पर गौर करने का अधिकार रखता है। आयोग ने इस बात का हवाला दिया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जनवरी 2016 में सीबीआई को एक रिपोर्ट भेजी थी, जिसके आधार पर एजेंसी ने तीन वर्ष बाद आपराधिक मामला दर्ज किया।
आयोग ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के इस आरोप का उल्लेख किया है कि सरकार की नीतियों का विरोध करने वाले लोगों को निशाना बनाए जाने के अभियान के तहत ही आनंद ग्रोवर और इंदिरा जयसिंह खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ताओं के अनुसार ये दोनों अधिवक्ता उपेक्षित और वंचित लोगों पक्ष में सक्रिय रहे हैं।