एनएचआरसी ने गठित की समिति प. बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की जांच के लिए

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 कोलकाता उच्च न्यायालय ने एनएचआरसी को दिया था निर्देश



नई दिल्ली, 21 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की घटनाओं संबंधी शिकायतों की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है।

एनएचआरसी के सदस्य राजीव जैन की अध्यक्षता वाली इस समिति में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद ,राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य राजुलबेन देसाई और पश्चिम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार प्रदीप कुमार पांजा शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एनएचआरसी को निर्देश दिया था कि वह चुनाव पश्चात हुई हिंसा के कारण बेघर-बार हुए लोगों की शिकायतों की जांच के लिए एक समिति गठित करे। आयोग से कहा गया था कि वह अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपे।

ममता बनर्जी सरकार ने उच्च न्यायालय के अपने इस फैसले को वापस लेने या इस पर रोक लगाने का आग्रह किया था, जिसे न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने सोमवार को खारिज कर दिया। न्यायालय के आदेश के तुरंत बाद एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने सात सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की।

उच्च न्यायालय ने सोमवार को अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार चुनाव पश्चात हिंसा की घटनाओं को इनकार कर रही है, जबकि जमीनी स्थिति इससे अलग है। न्यायालय ने कहा कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से उसे जो रिपोर्ट सौंपी गई है, उसमें तीन हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हैं। अनेक मामलों में संबंधित पुलिस थानों ने इन घटनाओं के बारे में कोई जवाब नहीं दिया।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद राजनीतिक हिंसा की अनेक घटनाएं हुईं। मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अनुसार, सैकड़ों परिवार हिंसा से प्रभावित हुए और उन्हें घर छोड़कर जाना पड़ा।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ध्यान हिंसा की घटनाओं की ओर आकृष्ट कराते हुए कार्रवाई की मांग की है। राज्यपाल ने स्वयं पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया है।

 


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