बेगूसराय, 21 दिसम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के प्रदूषण नियंत्रण आदेश को भी बेगूसराय के होटल व्यवसायी मानने को तैयार नहीं हैं। पिछले नोटिस का जवाब नहीं देने के कारण एक बार फिर यहां के 16 होटलों को अब कड़ा नोटिस जारी किया गया है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने बेगूसराय के इन होटलों को परिषद के सहमति के बिना संचालित करने, जल अधिनियम 1974 की धारा 33-ए एवं वायु अधिनियम 1981 की धारा 31-ए का पालन नहीं के कारण प्रपोज्ड डायरेक्शन जारी किया गया है।
प्रपोज्ड डायरेक्शन के तहत दस दिनों के अंदर आन लाइन कंसेंट मैनेजमेंट एंड मोनेटरिंग सिस्टम के माध्यम से स्थापना या संचालन सहमति की सूचना बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद को देेेना होगा। इसका पालन नहीं किए जाने पर पर्यावरणीय अधिनिमयों के प्रावधान के तहत होटल बंद करना होगा। इसके साथ ही सक्षम न्यायालय में उनके मालिकों के विरुद्ध परिवाद भी दायर किया जाएगा। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के आदेशों के अनुसार होटल के संचालन हेतु बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के मानकों के अनुसार मल, जल, सीवरेज के शुद्धिकरण हेतु सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना अनिवार्य है, जिसके उल्लंघन के कारण यह निर्णय लिया गया है।
इस प्रपोज्ड डायरेक्शन के पूर्व प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने नोटिस जारी कर 21 नवम्बर, 2019 को भी परिषद ने एक नोटिस भेजा था। होटल मालिकों ने उक्त अविधि में नोटिस का जबाब नहीं दिया था। उसके बाद प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने कावेरी गेस्ट हाउस, होटल प्रकाश, होटल नटराज, होटल इतिहास, शान्ति इंटरनेशनल, होटल जेम्स एंड रेस्टोरेंट, मोटल सायोनारा, कैलाश मोटल, मीरा मोटल, देवी दरबार, होटल रॉयल हैरिटेज, होटल एन के, महावीर विवाह उत्सव, होटल राधा, होटल गार्डन एवं होटल युवराज को प्रपोज्ड डायरेक्शन जारी किया गया है।