पटना, 04 मई(हि.स.) । बिहार सरकार ने पहली से बारहवीं तक के विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए बड़ा फैसला लिया है ताकि उन्हें लॉक डाउन जैसी परिस्थितियों की वजह से पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं हो। हालांकि जहां एक तरफ बिहार के विश्वविद्यालय में ऑनलाइन स्टडी की व्यवस्था नहीं हो पाई है, वहीं दूसरी तरफ बिहार के सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की किताबों को ऑनलाइन करने का सरकार ने मन बना लिया है। बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा तक के छात्रों की किताबों को ऑनलाइन करने का मन बना लिया है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में अपना प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। अगर इस पर तेजी से अमल हुआ तो पहली से 12वीं कक्षा तक के सभी विषयों की किताबें अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। शिक्षा विभाग के द्वारा जहां एक तरफ किताबों को कैसे ऑनलाइन किया जाए, इसे लेकर विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है, वहीं दूसरी तरफ सिलेबस को छोटा कर एकेडमिक कैलेंडर लागू करने के लिए कमेटी का भी गठन कर लिया गया है। बाद में राष्ट्रीय सूचना केंद्र से भी मदद ली जाएगी। शिक्षा विभाग के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक अगर विशेषज्ञों की सलाह से किताबों को ऑनलाइन करने पर सहमति बनती है तो प्रत्येक चैप्टर का क्यूआर कोड जारी कर दिया जाएगा ताकि पढ़ने वाले लोगों के लिए वह आसानी से डाउनलोड हो सके। गौरतलब है कि 28 अप्रैल को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा को यह सलाह दी थी कि वे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के सिलेबस को ऑनलाइन करने का प्रयास करें ताकि भविष्य में कोई दिक्कत नहीं हो। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने अपने विभाग के अफसरों के साथ बैठक कर इस सुझाव को साझा किया और पहली से बारहवीं तक की किताबों को ऑनलाइन करने के निर्देश दिए हैं।