नई दिल्ली, 19 जुलाई (हि.स.)। राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्य 22 जुलाई को सदन के चैम्बर में शपथ लेंगे। यह पहला मौका होगा जब अंतर सत्र की अवधि में सदस्य सदन के चैम्बर में शपथ लेंगे ताकि कोविड-19 के मद्देनजर सामाजिक दूरी के मानकों का पालन किया जा सके।
आमतौर पर शपथ ग्रहण या तो सत्र के दौरान होता है या फिर जब संसद सत्र नहीं होता है तब राज्यसभा के सभापति के चैम्बर में होता है। राज्यसभा के लिये हाल के चुनाव में 20 राज्यों से 62 सदस्य निर्वाचित हुए हैं। राज्यसभा के अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक सदस्य को शपथ ग्रहण समारोह में अपने साथ केवल एक अतिथि को लाने की अनुमति होगी। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने इस बारे में निर्णय किया है और इसमें राज्यसभा और लोकसभा दोनों से जुड़ी विभाग संबंधी संसद की स्थायी समितियों की बैठक शुरू करने और इन बैठकों में नये सदस्यों के हिस्सा लेने की इच्छा व्यक्त करने को ध्यान में रखा है। केशव राव और तिरूचि शिवा जैसे राज्यसभा के कुछ नवनिर्वाचित एवं दोबारा चुने गए कुछ सदस्य संसदीय समितियों के अध्यक्ष हैं और बिना शपथ लिये संबंधित समितियों की बैठक नहीं बुला सकते। नवनिर्वाचित सदस्य भी पद एवं गोपनीयता की शपथ लिये बिना समितियों की बैठकों में हिस्सा नहीं ले सकते।
राज्यसभा के महासचिव ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को 22 जुलाई को शपथग्रहण होने के बारे में लिखकर सूचित किया है। जो लोग इस दिन नहीं आ पायेंगे, उन्हें संसद के मानसून सत्र के दौरान शपथ दिलायी जायेगी। नये सदस्यों के लिये शपथ ग्रहण की योजना पहले बनाई गई थी, लेकिन कुछ सदस्यों द्वारा दिल्ली यात्रा करने के संबंध में व्यक्त की गई चिंताओं को देखते हुए इसे टाल दिया गया था। राज्यसभा में 20 राज्यों की 62 सीटों पर मार्च में चुनाव होने थे, जिनमें से 10 राज्यों की 38 सीटों पर 38 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे। इसमें महाराष्ट्र से 7, तमिलनाडु से 6, हरियाणा से 3, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से 2-2, ओडिशा से 4, बिहार और बंगाल से 5-5, असम से 3 और एक प्रत्याशी हिमाचल प्रदेश से है। इसके अलावा बाकी सीटों पर चुनाव होने थे, लेकिन कोरोना संकट के चलते चुनाव को टाल दिया था। इसके बाद 19 जून को 19 सदस्य चुनाव में जीतकर आए। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा से ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी सहित कुल 62 सांसद हैं।