न्यूयॉर्क, 03 नवम्बर (हि.स.)। दुनिया की लोकप्रिय प्रतिस्पर्धाओं में अग्रणी न्यूयॉर्क सिटी मैराथन दौड़ में रविवार को सबकी निगाहें एक बार फिर घर में झाड़ू-बर्तन और सफाई करने वाली केन्याई बाई मैरी किटनी पर होंगी। वह लंदन और न्यूयॉर्क सिटी सहित सात मैराथन जीत चुकी हैं। पांच फुट दो इंच लम्बी और 93 पौंड वजनी मैरी किटनी कहती हैं- मैं अपने दिल में अगले वर्ष टोक्यो ओलिंपिक मैराथन में स्वर्ण पदक जीतने का स्वप्न संजोए हूं। 37 वर्षीय मैरी किटनी ने दो घंटे 22 मिनट और 48 सेकेंड में मैराथन चुकी हैं। यह ओलिंपिक मैराथन में स्वर्ण पदक जीतने के लिए अच्छा समय है।
मैरी दो बच्चों जारेड (11)और सगांठा (6) की मां होने के साथ व्यावसायिक भी हैं। वह जब भी मैराथन दौड़ में हिस्सा लेती हैं, तो अपने पति चार्ल्स कौच और बच्चों के साथ जाती हैं। उनके सामने इस बार दौड़ में प्रबल प्रतिद्वंद्वियों में ओलंपिक विजेता अमेरिका की डेस लिंडन और इस साल की बोस्टन मैराथन विजेता वोरकनेश डेगेफा हैं।
रिकार्ड की दृष्टि से पुरुष वर्ग में ईथोपिया के लेलिसा डेसिसा का 42 मील की इस दौड़ में 2ः05ः29 सेकेंड का आठ वर्ष पुराना रिकार्ड है। महिला वर्ग में केन्या की मैरी किटनी का 2ः22ः48 सेकेंड का रिकार्ड है। किटनी यह दौड़ तीन बार जीत चुकी हैं। इसमें पुरुष-महिला विजेता को एक-एक लाख डालर और उप विजेता को साठ-साठ हजार डालर का पुरस्कार दिया जाता।
इस दौड़ को देखने के लिए लाखों खेलप्रेमी सुबह सड़क पर जमा हो जाते हैं। दौड़ स्टेटन आईलैंड से शुरू होती है। मुख्य दौड़ में पहले महिला दौड़ और फिर पुरुष दौड़ आधे घंटे के अंतराल में सवा नौ बजे प्रारंभ होती है। इसका दुनिया भर के खेल चैनलों पर सीधा प्रसारण होता है। इसमें अंतिम धावक को अधिकतम साढ़े आठ घंटे का समय मिलता है। न्यूयॉर्क पुलिस के भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच यह दौड़ जैसे-जैसे ब्रुकलिन, मैनहटन और क्वींस के रास्तों से गुजरती है, तो इसका नजारा ही कुछ और होता है।
केन्या और ईथोपिया के जांबाज धावकों की दिनचर्या का यह एक हिस्सा है। वह लंबी दूरी के धावक बनने के लिए अपने देश के कंकरीले, पथरीले, बीहड़ और जंगलों में मीलों चल कर, कूद-फांद कर अपने काम को अंजाम देते हैं। इनमें केन्याई धावक मैरी किटनी ने भी प्रतिदिन बीस किलोमीटर कूद-फांद कर अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी और परिवार में रोजी-रोटी का संकट खड़ा हुआ तो अपने माता-पिता की मदद के लिए घर से दूर झाड़ू-पोंछा करने में कभी परहेज नहीं किया। वह कहती हैं- ऐसे समय में मैं जब भी घर गई, मीलों पैदल चल कर अपने साथ मां-बाप छोटे भाई-बहनों के लिए राशन पानी का इंतजाम कर चलती थी।
इस दौड़ के विभिन्न आयु वर्ग में भारत सहित 100 से अधिक देशों के 50 हजार से अधिक मैराथन धावक और धाविकाएं हिस्सा लेते हैं। इनमें कुछ नामी हस्तियों में फिल्मकार, उद्यमी और धन जुटाने वाले परोपकारी निवेशक भी होते हैं। यह निवेशक मेट्रो रेल सेवा के लिए धन संग्रह की अपील करते हैं और प्रतिवर्ष करीब दस करोड़ डालर किटी में जमा करते हैं। टाटा कन्सल्टेंसी सर्विसेज भी प्रतिवर्ष इस मैराथन दौड़ में लाखों डालर प्रायोजन राशि के रूप में देती है। यह दौड़ सन 1970 में शुरू हुई थी, तब इसमें प्रवेश शुल्क मात्र एक डालर था। आज इस दौड़ में भाग लेने वाले धावकों को न केवल कठिन प्रक्रिया से गुजरना होता है, बल्कि प्रति धावक को प्रवेश शुल्क के रूप में 255 डालर देना होता है। इसके बावजूद हर साल एक लाख से अधिक उदीयमान धावक और धाविकाओं में से पंद्रह प्रतिशत को ही मौका मिल पाता है।
मैरी किटनी बताती हैं- मेरे भाग्य ने उस समय दस्तक दी, जब वह परिवार की रोजी-रोटी के लिए अथक परिश्रम कर रही थी। एक दूर के रिश्तेदार ने नेशनल हिडन टेलेंट अकादमी में भर्ती करवा दिया, जो नैरोबी में थी।वहां एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने लगीं। वहां धावक बनने का मौका मिला। 2006 में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद केन्या के मशहूर धावक लिन्हा चेश्यर के ट्रेनिंग कैंप में चली गई।
मैरी ने शुरू में हाफ मैराथन जीती। फिर एक उदीयमान धावक के रूप में उसे एक गैरलाभकारी ‘ शू 4 अफ्रीका ‘ संस्था ने अपना लिया। जहां एक अन्य केन्याई प्रमुख धावक टोबी टांसेर के मार्गदर्शन में एक लैब स्टूडेंट के रूप में लंबी दूरी के धावक की ट्रेनिंग के साथ आगे बढ़ने का मौका मिला । आज मैरी किटनी केन्या की सर्वश्रेष्ठ मैराथन धावक हैं। मैरी ने 2017 में लंदन मैराथन में दो घंटे सत्रह मिनट और 01 सेकेंड के साथ सर्वश्रेष्ठ समय दिया था। अभी विश्व रिकार्ड भी केन्याई धावक महिला ईलिड 2ः01ः39 का है।