पटना, 25 नवम्बर (हि.स.)। बिहार की सियासत में चुनाव के मद्देनजर राजद के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी वरिष्ठ राजद नेता और लालू प्रसाद के करीबी जगदानंद सिंह को सौंपने की सियासती चाल चल दी है। आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा आज शाम तक कर दी जाएगी। संगठन में 2010 से ही चार बार प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज रामचंद्र पूर्वे का इस बार पत्ता काटकर जगदानंद सिंह पर पार्टी के आलाकमान ने सहमति जतायी है। साथ ही संगठन में बड़े बदलाव होने के भी कयास लगाए जा रहे हैं।
2010 के विधानसभा चुनाव के बाद अब्दुल बारी सिद्दीकी को हटाकर पूर्वे को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। विधानसभा में श्री सिद्दीकी को विधायक दल का नेता बनाया गया था। हलांकि प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में पूर्व मंत्री आलोक मेहता और शिवचंद्र राम के नामों की भी चर्चा थी। मगर अचानक से फार्रवर्ड कार्ड खेलकर राजद ने बिहार की सियासत को गर्म हवा दे दी है। इससे सत्तारुढ़ दल के लिए भी राहें कठिन नजर आने लगी है। राजद में जो कुछ भी होता है उसमें लालू यादव की भूमिका रहती है।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष राजपूत समुदाय से हैं तो जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह भी राजपूत समुदाय से ही आते हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि दोनों लोग पुराने शाहाबाद जिले से ही आते हैं।