आईपीओ से फंड जुटाने में 2021 में बन सकता है नया रिकॉर्ड
नई दिल्ली, 7 अगस्त (हि.स.)। नए शेयरों की लॉन्चिंग यानी इनीशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) के जरिए फंड जुटाने के मामले में कैलेंडर इयर 2021 के दौरान एक नया रिकॉर्ड बन सकता है। माना जा रहा है कि 2021 के दौरान कंपनियों द्वारा आईपीओ के जरिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई जा सकती है। अगर ऐसा हो गया तो भारतीय शेयर बाजार के लिए ये भी एक बड़ा रिकॉर्ड होगा।
गौरतलब है कि इस साल अभी तक 28 कंपनियों ने अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर पेश किया है। इन आईपीओ के जरिए कुल 42,015.21 करोड़ रुपये की राशि जुटाई जा चुकी है। इसके अलावा मौजूदा वर्ष के दौरान ही 25 और कंपनियां अपना इनिशियल पब्लिक ऑफर लाने वाली हैं। इनको अपने आईपीओ के लिए बाजार के रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी भी मिल गई है। माना जा रहा है कि आईपीओ के जरिए इन 25 कंपनियों के शेयर की लॉन्चिंग होने के बाद साल के अंत तक इनीशियल पब्लिक ऑफर के जरिए फंड जुटाने का रिकॉर्ड एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को भी पार कर सकता है। इसके पहले 2017 में आईपीओ के जरिए सबसे अधिक राशि जुटाने का रिकॉर्ड है। 2017 में 36 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए कुल 67,147.44 करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी।
बाजार के जानकारों के मुताबिक अभी तक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से जिन कंपनियों को आईपीओ लॉन्च करने का अप्रूवल दिया गया है, उनमें से कई कंपनियों की योजना अपने आईपीओ के जरिए 1000 करोड़ रुपये या उससे अधिक की राशि जुटाने की है। ऐसी कंपनियों में निरमा ग्रुप की कंपनी नुवोको विस्टास और बजाज एनर्जी का नाम प्रमुखता के साथ लिया जा सकता है। नुवोको विस्टास अपने आईपीओ के जरिए करीब 5 हजार करोड़ रुपये का फंड जुटाना चाहती है। बजाज एनर्जी की योजना अपने आईपीओ के जरिए 5,450 करोड़ रुपये जुटाने की है। इसी तरह उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक, जना स्मॉल फाइनेंस बैंक, कारट्रेड टेक और पुराणिक बिल्डर्स जैसी कंपनियां भी अपने आईपीओ के जरिए 1000 करोड़ रुपये से अधिक का फंड जुटाने की योजना में लगी हैं।
बाजार के जानकारों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बावजूद 2021 की पहली छमाही के दौरान मार्केट सेंटीमेंट्स हाई रहे हैं। ऐसे में अगर इस जानलेवा बीमारी पर काबू पा लिया जाता है और तीसरी लहर की आशंका को टाल दिया जाता है तो बाजार के सेंटीमेंट्स साल की दूसरी छमाही के दौरान भी मजबूत बने रह सकते हैं। इसका असर नए आने वाले इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) पर भी सकारात्मक रूप से पड़ेगा, जिसके कारण कंपनियां अपने आईपीओ के जरिए कुल मिलाकर एक लाख करोड़ रुपये तक की राशि सहजता के साथ जुटा सकती हैं।